पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की लंबित पड़ी केंद्रीय निधि पर चर्चा करने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. मुख्यमंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव दिया कि राज्य और केंद्र के अधिकारी एक साथ बैठकर मुद्दों को सुलझा सकते हैं.
बनर्जी ने पार्टी के नौ सांसदों के साथ संसद परिसर में प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की 155 टीमें पहले ही पश्चिम बंगाल का दौरा कर चुकी हैं,
बनर्जी ने कहा, ”हमें वर्ष 2022-23 के बजट में ‘मनरेगा’ के तहत 100 दिनों के काम के लिए एक पैसा भी नहीं मिला.
ग्रामीण विकास योजनाएं बंद कर दी गई हैं और स्वास्थ्य अभियान कार्यक्रम भी बंद कर दिया गया है. हमें वित्त आयोग के तहत भी राशि नहीं मिल रही है.
उन्होंने कहा, ”हमारे अधिकारियों ने सभी तरह के स्पष्टीकरण दे दिए हैं जिनकी केंद्र ने मांग की थी.
प्रधानमंत्री ने कहा है कि केंद्र और राज्य के अधिकारियों के बीच एक संयुक्त बैठक होगी। मैंने बताया कि हमने 155 बार स्पष्टीकरण दिया है
हम एक बार फिर ऐसा कर सकते हैं, वे कोई फार्मूला तय कर सकते हैं। संघीय ढांचे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की हिस्सेदारी होती है।’
राज्य के लिए लंबित ‘मनरेगा’ निधि के बारे में कहा कि संविधान के तहत श्रमिकों को भुगतान करना अनिवार्य है.
बैठक में अभिषेक बनर्जी और सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के 11 सांसद भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ”हमारे सांसदों समेत दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज पीएम से मुलाकात की.
‘ बनर्जी ने कहा, ”गरीब लोगों के लिए दी जाने वाली राशि को रोक देना उचित नहीं है .उन्होंने कहा कि केंद्र के पास पश्चिम बंगाल की 1.15 लाख करोड़ रुपये की राशि बकाया है.