कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नीत एनडीए सरकार पर आरोप लगाया है कि वह केंद्रीय एजेंसियों एवं धन बल का इस्तेमाल करके विपक्ष शासित राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए ‘साजिश रच’ रही है. वहीं, केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए उनके आरोपों को ‘आधारहीन’ करार दिया. कहा कि उन्हें सत्ता से अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद ‘लोकतांत्रिक’ तरीके से हटाया जायेगा.
ममता बनर्जी ने भाजपा को पश्चिम बंगाल में ‘बाहरी’ करार दिया और कहा कि राज्य में शासन ‘गुजरात और बाहरी द्वारा नहीं बल्कि माटी के लोगों द्वारा’ किया जाना चाहिए. बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को संसाधनों से वंचित किया है तथा दावा किया कि जनता राज्य के साथ किये गये अन्याय के लिए उसे उचित जवाब देगी.
उन्होंने ‘शहीद दिवस’ पर अपनी पहली डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा बंगाल की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का इस्तेमाल करके एक षड्यंत्र रचा जा रहा है. भाजपा देश की तोड़फोड करने वाली अब तक की सबसे बड़ी पार्टी है.’
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उन्होंने कहा, ‘जब देश कोविड-19 महामारी से लड़ने में व्यस्त है, भाजपा मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने में व्यस्त है.’ तृणमूल कांग्रेस वर्ष 1993 में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ बनर्जी के नेतृत्व में एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत की याद में हर साल 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ रैली आयोजित करती है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गुजराती मूल की ओर इशारा करते हुए राजस्थान में राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर केंद्र पर तीखा हमला बोला. कहा, ‘गुजरात को सभी राज्यों पर शासन क्यों करना चाहिए? हम दो भाइयों (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) का यह शासन बर्दाश्त नहीं करेंगे. संघीय ढांचे की क्या जरूरत है? एक राष्ट्र-एक पार्टी प्रणाली बना दें.’
ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा, ‘उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि घायल बाघिन मृत बाघिन से अधिक खतरनाक होती है.’ पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के संबोधन के बाद संवाददाताओं से कहा कि भाजपा को उनकी सरकार अस्थिर करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हारेगी.
श्री घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें इसकी आवश्यकता नहीं है और न ही हम राज्य सरकार को अस्थिर करने में दिलचस्पी रखते हैं. यह सरकार वोट की लोकतांत्रिक ताकत से बाहर होगी. इस राज्य के लोग तृणमूल कांग्रेस की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं.’
ममता बनर्जी के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कि शहीद दिवस पर तृणमूल कांग्रेस वर्ष 2021 में कोलकाता में अपनी सबसे बड़ी रैली आयोजित करेगी, श्री घोष ने कहा कि उन्हें ‘दिवास्वप्न’ देखना बंद करना चाहिए. श्री घोष ने कहा, ‘अगले साल वह सत्ता से बाहर हो जायेंगी. इस साल कोरोना वायरस उनके लिए बहाना बन गया. यदि रैली सामान्य परिस्थितियों में होती, तो आप खाली गैलरी देखते. इस साल की डिजिटल रैली उनकी विदाई रैली थी.’
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ममता बनर्जी ने अपने भाषण में यह भी आरोप लगाया कि पूरे देश में ‘भय का माहौल’ है. बनर्जी ने राज्य को नयी ऊंचाई पर ले जाने का वादा करते हुए लोगों से अपील की कि वे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी को वोट दें. उन्होंने कहा, ‘राज्य पर बाहरी और गुजरात के लोग नहीं, बल्कि बंगाल के लोग शासन करेंगे. हमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि भाजपा के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाये.’
केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल के लोगों का ‘अपमान करने और वंचित करने’ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनके राज्य पर उंगलियां उठाने से पहले केंद्र को उत्तर प्रदेश में ‘जंगल राज और मुठभेड़ राज’ के बारे में बात करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र बंगाल के खिलाफ साजिश कर रहा है, हर दिन कह रहा है कि वहां हिंसा और अराजकता है. यूपी का क्या, जहां जंगल राज है. वहां के लोग पुलिस शिकायत दर्ज कराने से भी डरते हैं. एक ही घटना में कई पुलिस अधिकारी मारे गये. सच्चाई को छिपाने के लिए मुख्य अपराधी को एक तथाकथित मुठभेड़ में मार गिराया गया.’
यह संकेत देते हुए कि विवादास्पद राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस का मुख्य चुनावी मुद्दा होंगे, बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग यह नहीं भूले हैं कि दिल्ली के दंगों के दौरान कितने निर्दोष लोग मारे गये थे और असली नागरिकों को असम में डिटेंशन कैंप में डाल दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि एनपीआर और एनआरसी समुदायों के बीच दरार उत्पन्न करने के लिए है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा किस नागरिकता की बात कर रही है? शरणार्थियों (बांग्लादेश से) को पहले ही नागरिकता मिल चुकी है.’ उन्होंने माकपा और कांग्रेस में भाजपा विरोधी नेताओं से अपील की कि वे भाजपा के खिलाफ उनकी लड़ाई में शामिल हों.
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में भाजपा का ‘सबसे बड़ा सहयोगी’ करार दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘…वह ममता बनर्जी थीं, जिन्होंने कांग्रेस और वाम दलों की कीमत पर बंगाल में भाजपा को बढ़ने में मदद की.’
Posted By : Mithilesh Jha