West Bengal Election 2021, Bengali Vs Non-Bengali: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर भीतरी-बाहरी का मुद्दा उछाला गया है. तृणमूल कांग्रेस ने बंगाली और गैर-बंगाली का मुद्दा उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला किया है. तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा गैर-बंगाली बाहरी लोगों को राज्य की जनता पर हावी करने की कोशिश कर रही है. इन आरोपों को भाजपा ने ‘निराधार और राजनीति से प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सत्ताधारी दल से पूछा है कि उनकी पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बंगाली हैं या गैर-बंगाली.
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआइटीसी) के वरिष्ठ नेता तथा पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री ब्रात्य बसु ने एक संवाददाता सम्मेलन करके भाजपा को ‘बंगाली विरोधी’ करार दिया. कहा कि उसके बंगाली विरोधी होने की वजह से ही वर्ष 2014 से केंद्र में सत्तारूढ़ इस पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी भी बंगाली को शामिल नहीं किया.
ब्रत्य बसु ने कहा, ‘रवींद्रनाथ टैगोर को नहीं जानने वाले बाहरी लोग राज्य की जनता पर हावी हो रहे हैं. हमने उनके द्वारा की गयी हिंसा को देखा, जिसके चलते (मई 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान) ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा की बेअदबी हुई.’ उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ‘गैर-बंगाली बाहरियों’ के प्रभुत्व को कभी स्वीकार नहीं करेगी.
Also Read: शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को दी बड़ी राहत, बोले, अब कुछ विवादास्पद नहीं कहेंगे
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि ऐसा कोई भी प्रयास कभी सफल नहीं हुआ. इस बार भी ऐसा होने की कोई गुंजाइश नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘वे बाहरियों की मदद से हम पर हावी होना चाहते हैं. क्या हमें सिर झुकाकर रहना चाहिए? क्या यही बंगालियों के भाग्य में लिखा है?’
टीएमसी के इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा है कि वह जानना चाहती है कि टीएमसी ने अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए जिस चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नियुक्ति की है, वह ‘बंगाली हैं या गैर बंगाली’.
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘हमारे केंद्रीय नेता यहां हमारी मदद करने आये थे, न कि हमें फरमान सुनाने. टीएमसी बाहरियों की बात कर रही है. मैं पार्टी से पूछता हूं कि क्या किशोर एक बंगाली हैं. टीएमसी जानती है कि वह विधासनभा चुनाव हारने वाली है. यही वजह है कि वह इस तरह के हथकंडे अपना रही है.’ पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है.
Posted By : Mithilesh Jha