कोलकाता (अजय विद्यार्थी) : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित मशहूर शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर को बुधवार को 100 दिन बाद दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया. बुधवार सुबह 6:00 बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिये गये. बड़ी संख्या में भक्त पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे. मंदिर कमेटी ने दर्शन एवं पूजा-पाठ के लिए कुछ दिशा-निर्देश तय किये थे. उनका पालन करते हुए ही लोगों को पूजा करने की इजाजत दी गयी.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लगाये गये लॉकडाउन के कारण करीब 100 दिनों तक मंदिर के कपाट बंद रखे गये थे. अब जबकि मंदिर खोल दिया गया है, तो बड़ी संख्या में भक्त पूजा-अर्चना के लिए यहां पहुंचने लगे हैं. चूंकि, अनलॉक 2.0 के दौरान ज्यादा लोगों के जमावड़े की इजाजत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नहीं दी है. इसीलिए संक्रमण के संभावित संभावना को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने कई शर्तें लगा रखी हैं.
मंदिर प्रबंधन ने जो दिशा-निर्देश तय कर रखे हैं, उनमें कहा गया है कि एक साथ मंदिर में 10 से अधिक लोग प्रवेश नहीं कर सकते हैं. सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक मंदिर खुलेगा और शाम को 4:00 बजे से 6:30 बजे तक ही भक्त दर्शन कर सकेंगे, पूजा-अर्चना कर सकेंगे. दो नंबर गेट से दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन टनल बनाया गया है, जिससे गुजरने के बाद मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्त जीवाणु मुक्त हो जायेंगे.
Also Read: झारखंड की कृतिका पांडे की रचना ‘द ग्रेट इंडियन टी एंड स्नैक्स’ को राष्ट्रमंडल लघुकथा पुरस्कार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी बधाईमंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर दर्शन करने और मंदिर से बाहर निकलने तक शारीरिक दूरी यानी सोशल डिस्टेंसिंग के प्रावधानों का पालन करेंगे. मंदिर के कपाट भले खोल दिये गये हों, कालीघाट मंदिर के गर्भगृह में अब भी प्रवेश वर्जित है. दर्शनार्थियों को चार नंबर गेट से बाहर निकलना है. फूल-माला अथवा पूजा की डाल लेकर किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. फिलहाल भक्तों को चरणामृत भी नहीं दिया जायेगा.
Posted By : Mithilesh Jha