पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है.मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई मामले की जांच जारी रख सकती है लेकिन माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सकती है.इस मामले में सीबीआई को 4 सप्ताह के अंदर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपनी होगी. गौरतलब है कि सीबीआई माणिक भट्टाचार्य को अपने हिरासत में लेकर उनसे पूछ-ताछ करना चाहती है. जिसको लेकर माणिक भट्टाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी थी.
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प्राथमिक शिक्षक को भर्ती घोटाले में ईडी हलफनामा में दावा किया कि प्राथमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य ही प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले के सरगना हैं और उनके इशारे पर ही नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गयी हैं. माणिक मामले की जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे है.हलफनामा में यह भी लिखा है कि माणिक भट्टाचार्य व उसके करीबियों के पास करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति है. इतनी संपदा कैसे बनायी गयी, इस संबंध में आरोपी कुछ भी नहीं बता रहा. ऐसे में मामले की जांच करने में दिक्कत आ रही है. वहीं आज सुप्रीम कोर्ट से माणिक भट्टाचार्य को राहत मिली है.
टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को कोर्ट ने 25 अक्टूबर तक ईडी हिरासत में भेज दिया है.गौरतलब है कि ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पिछले महीने ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें माणिक भट्टाचार्य का नाम शामिल था. ईडी ने आरोप लगाया है कि भट्टाचार्य के कहने पर ही उत्तर पुस्तिका में प्राप्तांक की जगह को खाली छोड़ दिया गया था. गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने पार्थ के घर की तलाशी के दौरान माणिक के घर भी गई थी. इसके बाद लुक आउट नोटिस जारी किया गया था.