कोरोनावयरस के कारण हुए लॉकडाउन के कारण देश में पठन पाठन का कार्य पूरी तरह से रूक गया है. कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से हो रही हैं, स्कूल कॉलेज बंद है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशान ने 9 जून को कहा था कि मंत्रालय 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम और निर्देशात्मक घंटों में कमी के विकल्प पर विचार कर रहा है.
हालांकि, इस घोषणा के एक महीने बाद छात्रों के लिए अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। सीबीएसई (Central Board of Secondary Education) कक्षा 10 वीं और सीबीएसई कक्षा 12 वीं में छात्रों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी उच्च शिक्षा की संभावनाएं और भविष्य का कैरियर बोर्ड परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर निर्भर करता है. मनीकंट्रोल के एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा कि यह निर्णय (पाठ्यक्रम में कमी पर) एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा लिया जाएगा.
In view of the current circumstances and after receiving a lot of requests from parents and teachers, we are contemplating the option of reduction in the syllabus and instructional hours for the coming academic year.@SanjayDhotreMP @HRDMinistry @PIB_India @MIB_India
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 9, 2020
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) एक स्वायत्त संगठन है, जो केंद्र और राज्य सरकारों को पाठ्यक्रम सहित स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता और सलाह देने में शामिल है. सीबीएसई से संबद्ध स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए एनसीईआरटी (NCERT) पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करते हैं.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने फेसबुक के साथ मिलकर इस कोविड-19 महामारी (Covid 19 Pandemic) के दौरान टीचर्स और स्टूडेंट्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च (Training Programme for Teachers and Students) किया है. इसके लिए रजिस्ट्रेशन (Registration for CBSE Training Programme) की प्रक्रिया आज से यानी 6 जुलाई से शुरू होकर 20 जुलाई तक चलेगी. यह ट्रेनिंग प्रोग्राम बिल्कुल फ्री होगा. पहले चरण में अगस्त से नवंबर 2020 के बीच वर्चुअल मोड में ट्रेनिग दी जाएगी.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पाठ्यक्रम में कमी पर संबंधित हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं. अब तक, अधिकांश सुझावों में सिलेबस में 30-45 प्रतिशत की कमी की मांग है, खासकर कक्षा 10 वीं और कक्षा 12 वीं के लिए. यह संभावना है कि जुलाई 2020 के अंत तक अंतिम शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया जाएगा। तब तक, अनिश्चितता जारी रहने वाली है.