कोरोना महामारी के कारण लगभग सभी राज्यों ने इस साल की 10वीं और 12वीं परीक्षाओं को रद्द कर स्टूडेंट्स को उनकी पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन के आधार पर अगली क्लास के लिए प्रमोट कर दिया है जिसमें पंजाब, बिहार, राजस्थान के साथ उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं. कोविड के दौरान शिक्षा के क्षेत्र को भी नुकसान उठाना पड़ा है. इसी बीच सीबीएसई ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें यह जानकारी मांगी गई है कि ऑनलाइन शिक्षा का क्या असर पड़ा है और इसे कैसे और बेहतर किया जा सकता है.
आपको बता दें कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा पर जोर डाला जा रहा है, खासकर स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से जूम एप या गूगल मीट के द्वारा पढ़ाई करवाई जा रही है.
स्वास्थ्य पर असर को लेकर लिया गया निर्णय
ऑनलाइन क्लास होने के कारण छात्रों में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिससे उनकी आंखों और स्वास्थ्य पर असर देखने को मिला है. इसी कारण से यह सर्कुलर जारी किया गया है कि यह जाना जा सके कि इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है.
पीएम मोदी ने कही ये बात
देश भर में जारी COVID-19 महामारी के कारण सीबीएसई कक्षा 12 के छात्रों के लिए इस साल कोई परीक्षा नहीं होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जून, 2021 को बैठक के दौरान कहा कि , ‘हमारे छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता को समाप्त किया जाना चाहिए. ऐसे में “छात्रों को ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में परीक्षा देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
मिलेगा परीक्षा देने का मौका
छात्रों के एक बड़े समूह ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. ऐसे में सोशल मीडिया पर लगातार आवाजें उठाई जा रही थी. वहीं बहुत से लोग परीक्षा कराने के पक्ष में भी थे. सीबीएसई ने बताया कि पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा.
Posted By: Shaurya Punj