कोविड-19 महामारी (Covid 19 Pandemic) की वजह से 62 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Bombay) के पहले सेमेस्टर की पढ़ाई उसके कैंपस में शुरू नहीं होगी. संस्थान के निदेशके अनुसार, आईआईटी बॉम्बे में अगले सेमेस्टर का संचालन पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता ना करना पड़े. बता दें कि पहली बार किसी आईआईटी ने इस तरह का फैसला किया है. बुधवार देर रात तक चले विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया. संस्थान के 62 साल के इतिहास में पहली बार किसी सेमेस्टर की शुरुआत में कैंपस में छात्र नहीं होंगे. संस्थान के इस फैसले के बाद देश के दूसरे आईआईटी संस्थान भी इसका अनुसरण करते हुए जुलाई से दिसंबर तक चलने वाले विंटर सेशन वाले सेमेस्टर के लिए इस तरह के फैसले कर सकते हैं.
आईआईटी बॉम्बे के निदेशक सुभाशीष चौधरी ने मीडिया को दिये एक बयान में कहा कि सीनेट में लंबे विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है कि अगला सेमेस्टर पूरी तरह से ऑनलाइन संचालित किया जाएगा, ताकि छात्रों के स्वास्थ और सुरक्षा से कोई समझौता न करना पड़े. इस कोविड-19 महामारी ने हमें अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के तरीकों पर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया.
उन्होंने कहा कि बिना किसी देरी के छात्र ऑनलाइन माध्यम से अपनी कक्षाएं शुरू करने के लिए हम जल्द से जल्द कक्षाओं के पूरे विवरण के साथ उन्हें सूचित कर देंगे. उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले छात्रों के लिए आर्थिक मदद की भी अपील की.
आईआईटी बॉम्बे का यह आदेश कोराना वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा शैक्षणिक सत्र के पुनरीक्षण को लेकर हुई चर्चा के बाद आया है.
Also Read: आईआईटी खड़गपुर में बने मॉडल से मिली जानकारी, सितंबर के अंत तक नहीं मिलेगी कोरोना से मुक्ति
मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बुधवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को कहा था कि वह इंटरमीडिएट और अंतिम समेस्टर परीक्षा और शैक्षणिक कलेंडर के संबंध में पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पुनरीक्षण करे.
Posted By : Vishwat Sen