UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सिक्योरिटी और चाइल्डहुड केयर के कार्यक्रमों सहित 23,000 से अधिक हायर एजुकेशन कोर्स आज यानी शुक्रवार से एक नए वेब पोर्टल पर मुफ्त उपलब्ध होंगे. पोर्टल का उद्देश्य डिजिटल विभाजन को पाटना और देश के दूरदराज के हिस्सों में उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना है. पूरी डिटेल आगे पढ़ें.
यूजीसी ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इन कोर्सेज को ऑफर करने के लिए अपने 7.5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) और स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीवी) सेंटर्स के साथ ई-रिसोर्सेज को इंटीग्रेटेड करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ करार किया है. पोर्टल का उद्देश्य डिजिटल डिवाइड को पाटना और देश के दूरदराज के हिस्सों में उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना है.
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को कहा, “उच्च शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के अपने प्रयासों के तहत, यूजीसी छात्रों को अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रहा है.”
सीएससी का उद्देश्य डिजिटल पहुंच प्रदान करना और नागरिकों को विशेष रूप से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों को उनके दरवाजे पर ई-गवर्नेंस सेवाएं उपलब्ध कराना है. बता दें कि ग्राम पंचायतों में लगभग 2.5 लाख सीएससी और एसपीवी काम कर रहे हैं और देश भर में 5 लाख से अधिक सीएससी/एसपीवी केंद्र काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सीएससी और एसपीवी का प्रबंधन और संचालन उन उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है जो स्थानीय समुदाय से संबंधित हैं और जिन्हें विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर (वीएलई) कहा जाता है. वीएलई ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करके अपना जीवन यापन करने के लिए केंद्रों का संचालन करते हैं. इन केंद्रों में कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी है.
पाठ्यक्रमों में 23,000 पीजी कोर्स, उभरते क्षेत्रों में 137 SWAYAM MOOC कोर्स और 25 गैर-इंजीनियरिंग SWAYAM कोर्स शामिल हैं. यूजीसी पोर्टल पर इन्हें एक्सेस करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.
Also Read: SSC CGL Tier 2 एडमिट कार्ड ssc.nic.in पर जारी, डाउनलोड करने का तरीका और डायरेक्ट लिंक यहां चेक करें
कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा है कि, “सभी पाठ्यक्रम मुफ्त हैं. हालांकि, सीएससी / एसवीपी की सेवाओं और बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने के लिए, एक यूजर को वीएलई के प्रयासों और उनके लागत के लिए प्रति दिन 20 रुपये या 500 रुपये प्रति माह का शुल्क देना होगा.” . उन्होंने कहा, “यह आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, ई-श्रम, पैन कार्ड, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएमएसवाईएम) और कई अन्य सरकारी परियोजनाओं के समान है.”