Jharkhand News: चाईबासा-टाटा रेल मार्ग पर जेएमएपी चौक (चाईबासा) से रोजाना सैकड़ों विद्यार्थी व आम लोग जान जोखिम में डालकर रेल लाइन से आना-जाना करते हैं. इस रेल मार्ग पर रोजाना करीब 74 ट्रेनें गुजरती हैं. जेएमपी चौक के पास पाथ वे या डिलियामार्चा गांव तक जाने के लिए अंडरपास नहीं है. स्थानीय लोगों ने जेएमपी चौक के पास एक अंडर पास बनाने की मांग की है. तीन साल पूर्व जेएमपी चौक के पास रेल फाटक था. रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के बाद फाटक बंद कर दिया गया. अब डिलियामार्चा और खप्परसाई के लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है.
आरओबी से आवागमन से डरते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ओवरब्रिज से होकर आना-जाना कर सकते हैं. हालांकि, आरओबी पर अक्सर दुर्घटना में लोगों की जान जा रही है. ऐसे में लोग आरओबी से जाने से कतराते हैं. वहीं, ब्रिज से होकर गांव पहुंचने के लिए ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है.
अमलाटोला होकर जाने पर अधिक समय लगता है
हालांकि, लोगों के आवागमन के लिए रेलवे ओवर ब्रिज के साथ अमलाटोला के राणीसती दादी मंदिर के पास अंडरपास का निर्माण कराया गया है. स्कूली बच्चे व ग्रामीण इस अंडर पास का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी दूरी डेढ़ से दो किमी बढ जाती है. यही वजह है कि वे शॉर्टकट रास्ता अपनाते हैं.
जेएमपी चौक के पास अंडरपास जरूरी
स्थानीय दुर्गा रक्षित का कहना है कि जेएमपी चौक के पास अंडर पास नहीं होने से बच्चे व आम लोग जान जोखिम में डालकर रेल लाइन क्रॉस करते हैं. मंगलवार को साप्ताहिक हाट के दिन स्थिति खराब हो जाती है. व्यस्ततम रेल मार्ग होने के कारण दुर्घटना का भय रहता है.
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जनप्रतिनिधि सरकार का ध्यान आकृष्ट कराएं
वहीं, महेंद्र पान का कहना है कि जेएमपी चौक के पास अंडर पास का निर्माण आवश्यक है. रेलवे क्रॉसिंग से रोजाना सैकड़ों स्कूली बच्चे व ग्रामीण आना-जाना करते हैं. जनप्रतिनिधियों को भी चाहिये कि इस मामले में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराएं.
जेएमपी चौक पास जरूरी है अंडरपास
सुनील कुमार तियू का कहना है कि खप्परसाई सहित डिलियामार्चा व आसपास के गांव के लोग रेलवे ट्रैक से आना-जाना करते हैं. वहीं, अमलाटोला होकर आवागमन से डेढ़ से दो किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. जेएमपी चौक के पास अंडरपास जरूरी है.
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गेट बंद होने से ग्रामीणों को होती परेशानी
स्थानीय परशुराम पान का कहना है कि डिलियामार्चा से शहर के लोग पूर्व में जेएमपी चौक के पास रेल गेटे से होकर आना-जाना करते थे. आरओबी बनने के बाद इस गेट को बंद कर दिया गया. अब ग्रामीणों को काफी घूमकर आना-जाना करना पड़ रहा है.
अंडरपास नहीं होने से ग्रामीणों को होती परेशानी
वहीं, मो नसीम का कहना है कि जेएमपी चौक के पास अंडरपास नहीं होने से ग्रामीण और स्कूली बच्चों को रेलवे ट्रैक क्रॉस कर आवागमन करना पड़ता है. यदि लोग आरओबी या अमलाटोला होकर आवागमन करते हैं, तो उनकी दूरी कई गुना बढ़ जायेगी.
ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुई मानवाधिकार टीम
मानवाधिकार सहायता संघ की टीम ने हाटगम्हरिया प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव बड़ा मिर्गीलिंडी व जिकीलता गांव में भ्रमण कर जागरूकता अभियान चलाया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष के देवराज हेस्सा ने वर्षों से बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्र व जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया. श्री हेस्सा ने ग्रामीणों को जल्द स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया. ग्रामीणों ने श्री हेस्सा के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा. रखी. समस्या सुनने के बाद श्री हेस्सा ने प्राथमिकता के आधार पर इसके समाधान का आश्वासन दिया. इस जन जागरण अभियान को सफल बनाने में टीम के सदस्य जिला प्रभारी राजेश कुम्हार, प्रखंड अध्यक्ष प्रकाश हेम्ब्रम,अबाबूलाल सिंह कुटिया, सचिव देवेंद्र नाथ सिंकु व बसंत बिरूवा शामिल थे.