Jharkhand News : झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी स्थित भद्रकाली मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है. मंदिर परिसर समेत आसपास के पुरातात्विक स्थलों का भूगर्भ सर्वेक्षण किया जायेगा. बताया जा रहा है कि मोहाने नदी के उदगम स्थल से लेकर फल्गु नदी (गया) तक सर्वेक्षण किया जायेगा. इसी क्रम में शनिवार को भारत सरकार के विज्ञापन एवं तकनीकी विभाग (डीएसटी) की तीन सदस्यीय टीम इटखोरी पहुंची. ये टीम वैज्ञानिक तरीके से मंदिर का इतिहास खंगालेगी.
भद्रकाली मंदिर का इतिहास खंगालेगी टीम
भारत सरकार के विज्ञापन एवं तकनीकी विभाग (डीएसटी) की तीन सदस्यीय टीम में पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन विश्व भारती विश्विद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्रो अनिल कुमार, धनबाद आइआइटी आइएसएम के प्रो संजीत पाल व अंशु मलिक सिंह शामिल हैं. टीम के अधिकारी इटखोरी के भद्रकाली मंदिर का इतिहास खंगालेंगे. भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने भी सर्वेक्षण का पत्र जारी किया है.
वैज्ञानिक तरीके से पुरातात्विक धरोहरों का लगाएंगे पता
टीम में शामिल प्रो अनिल कुमार ने कहा कि सभी कार्य वैज्ञानिक तरीके से होगा. इसमें तीन साल तक का समय लगेगा. उन्होंने कहा कि जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रीक रडार) के माध्यम से भूमि के बीस मीटर नीचे तक पुरातात्विक धरोहरों का पता लगाया जायेगा. इसके अलावा ड्रोन व सेटेलाइट के द्वारा सभी तरह की खोज की जायेगी.
वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में होगा विकसित
सभी वैज्ञानिक तकनीकी संयंत्र के द्वारा पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण करेंगे. भारत सरकार इटखोरी के भद्रकाली मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाह रही है. यह वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में विकसित होगा. आपको बता दें कि चतरा से बीजेपी सांसद सुनील कुमार सिंह ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर भद्रकाली मंदिर परिसर का सर्वेक्षण कराने की मांग की थी.
रिपोर्ट : विजय शर्मा, इटखोरी, चतरा