jharkhand news, chatra news in hindi चतरा : सरकार सुदूरवर्ती क्षेत्र में लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर वर्ष 2005 में कस्तूरबा विद्यालय की स्थापना की गयी थी, लेकिन 15 वर्ष के बाद भी प्रखंड में कस्तूरबा विद्यालय का अपना भवन नहीं बन पाया है. संवेदक की लापरवाही के कारण आजतक कस्तूरबा गांधी विद्यालय अधूरा पड़ा है.
3.86 करोड़ रुपये की लागत से 12 मार्च 2016 में शिक्षा विभाग द्वारा भवन का निर्माण शुरू किया गया था. इधर, भवन के अभाव में बच्चियों को बीआरसी कार्यालय व अन्य भवनों में पठन-पाठन किया जा रहा है. बच्चियों को पढ़ाई करने व रहने में काफी दिक्कत हो रही है. डेढ़ वर्ष से विद्यालय भवन का निर्माण कार्य बंद है. विद्यालय में छात्राओं की संख्या 350 है. सबसे अधिक परेशानी छात्राओं को रात्रि विश्राम के दौरान होती है. विद्यालय का संचालन कक्षा छह से लेकर 12वीं तक है. प्रखंड के कई गांव के गरीब, असहाय बच्चियां यहां पढ़ाई करती हैं. इसके अलावे कई सरकारी भवन भी कई वर्षों से अधूरे पड़े हैं.
बारियातू गांव के शांति देवी ने कहा कि उसकी दो बेटियां कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ती हैं. एक साथ कई कक्षा संचालन होने से उनकी पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पाती हैं. चाया गांव के कैलाश यादव ने बताया कि विद्यालय का अपना भवन नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. बच्चियों को पढ़ाई करने व रहने में काफी दिक्कत होती है.
वार्डेन इंदु भारती ने बताया कि भवन के अभाव में बच्चियों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. उन्हें रहने में भी काफी दिक्कत हो रही है. दूसरे भवन में विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. छात्राओं को हो रही परेशानी से कई बार शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
Posted By : Sameer Oraon