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झारखंड : चतरा में नवजात को बेचे जाने पर एक्शन में आयी पुलिस, बोकारो से किया बरामद

चतरा के सदर अस्पताल में बच्चे के जन्म के आठ घंटे बाद ही बेच देने के मामले में पुलिस ने बोकारो के पेटरवार से नवजात को बरामद किया. इस मामले में तीन आरोपियों समेत हजारीबाग स्थित बिशुनगढ़ के एक दंपती को हिरासत में लिया है. इधर, डीसी ने सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ की है.

चतरा, दीनबंधु : चतरा के सदर अस्पताल में जन्म लेने के बाद नवजात के बेचे जाने के मामले में पुलिस एक्शन में दिखी. त्वरित कार्रवाई करते हुए चतरा सदर थाना की पुलिस ने बुधवार को बोकारो के पेटरवार से नवजात को बरामद कर लिया है. वहीं, इस मामले में पुलिस चास से दो और हरला थाना क्षेत्र से एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इनकी निशानदेही पर ही नवजात को बरामद किया गया. इधर, मामले की जानकारी लेने डीसी अब्बू इमरान सदर अस्पताल पहुंचे और स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ की.

नवजात को खरीदने वाले दंपती को भी हिरासत में लिया

हिरासत में लिये गये लोगों में चास के जोधाडीह मोड़ निवासी आनंद जायसवाल और रजनीकांत तथा हरला थाना क्षेत्र के चैताटांड़ निवासी चंदन कुमार शामिल हैं. चतरा सदर थाना पुलिस तीनों मध्यस्थों एवं नवजात को खरीदने वाले दंपती को हिरासत में लिया है. नवजात बच्चे को पुलिस चतरा ले गयी है. यह जानकारी हरला थाना प्रभारी संतोष कुमार ने दी.

नवजात ऐसे हुए बरामद

मालूम हो कि बुधवार की सुबह चतरा सदर थाना पुलिस एसआई वीणा कुमारी के नेतृत्व में बोकारो के चास थान पहुंची. चतरा सदर पुलिस चास के जोधाडीह मोड़ में रहने वाले आनंद जायसवाल का पता लेकर पहुंची थी. चास पुलिस के सहयोग से उसे जोधाडीह मोड़ से ही हिरासत में लिया गया. उससे कड़ाई से पूछताछ की गयी, तो उसने एक अन्य युवक रजनीकांत का नाम बताया.

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हिरासत में लिये लोगों ने खोली परत-दर-परत कहानी

रजनीकांत को चास पुलिस ने चास के चेकपोस्ट से हिरासत में लिया. पूछताछ के क्रम में दोनों ने बताया कि हरला थाना क्षेत्र के चैताटांड़ में रहने वाले चंदन कुमार ने ही अपने एक रिश्तेदार को नवजात दिलाया है. जिसके बाद चतरा सदर पुलिस हरला थाना पहुंची. हरला थाना पुलिस के सहयोग से चंदन को हिरासत में लिया गया. उसने नवजात बरामद करने की बात कही.

हजारीबाग के बिशुनगढ़ की दंपती ने खरीदा था नवजात

चैताटांड़ के चंदन ने बताया कि नवजात हजारीबाग के बिशुनगढ़ में रहने वाले उसके एक रिश्तेदार के पास है. उन्होंने ही नवजात को खरीदा है. पुलिस की लगातार दबिश देखकर उसने पहले ही उक्त रिश्तेदार को नवजात बोकारो पहुंचाने को कहा था. नवजात को लेकर रिश्तेदार बिशुनगढ़ से लेकर आ रहे हैं. पुलिस ने उन्हे आने के दौरान ही पेटरवार में रोक लिया और नवजात को बरामद कर खरीदने वाले दंपती के साथ हरला थान पहुंची.

वंश बढ़ाने के लिए खरीदा था पुत्र

नवजात को खरीदने वाले दंपती का कहना है कि वह इस बच्चे को खरीदा, क्योंकि उनकी सिर्फ तीन बेटियां हैं और पुत्र नहीं है. पुत्र की चाहत और वंश को आगे बढ़ाने की चाहत से उन्होंने यह नवजात को खरीदा था. जिसे पढ़ा-लिखाकर अपने अनुरूप बनायेंगे और बुढ़ापे का सहारा बनायेंगे. वह हजारीबाग के बिष्णुगढ़ के बड़का गांव इलाके के रहने वाले हैं.

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क्या है मामला

चतरा के दीभा मुहल्ला निवासी एक महिला ने पैसों के लालच में प्रसव के आठ घंटे के बाद ही एक लाख रुपये में अपने नवजात को बेच दिया था. महिला ने 18 मार्च, 2023 की रात चतरा के सदर अस्पताल में शिशु को जन्म दिया था. इधर, महिला के रिश्तेदारों की शिकायत पर चतरा जिला प्रशासन एवं सदर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आयी और नवजात की तलाश शुरू की. बताया जाता है कि नवजात को खरीदने वाले दंपती को कोई बच्चा नहीं है. इसलिए नवजात को खरीदने के लिए साढ़े चार लाख रुपये में बात हुई थी. जिसमें से एक लाख रुपये दिया गया था और बाकी के रुपये बाद में देने की बात कही गयी थी.

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