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हरमनप्रीत कौर पर लगा दो मैचों का प्रतिबंध, बांग्लादेश में गुस्सा दिखाने पर आईसीसी ने की कड़ी कार्रवाई

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर पर दो मैचों का बैन लगाया है. हरमनप्रीत ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में खराब व्यवहार दिखाया था. उन्होंने मैच के दौरान सार्वजनिक रूप से खराब अंपायरिंग की आलोचना की थी.

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने मंगलवार को भारत की महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को बांग्लादेश के खिलाफ शनिवार को तीसरे वनडे के दौरान उनके आक्रामक व्यवहार के लिए कड़ी सजा दी है. आईसीसी आचार संहिता के दो अलग-अलग उल्लंघनों के बाद उन्हें अगले दो अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया है. आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ‘शनिवार को ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ आईसीसी महिला चैंपियनशिप सीरीज के तीसरे मैच के दौरान यह घटना घटी.’

हरमनप्रीत ने स्टंप्स पर दे मारा था बल्ला

आईसीसी ने कहा, ‘पहली घटना विशेष रूप से तब हुई जब हरमनप्रीत कौर ने भारत की पारी के 34वें ओवर में स्पिनर नाहिदा अख्तर की गेंद पर स्लिप में कैच आउट दिए जाने के बाद अपने बल्ले से विकेटों पर प्रहार करके निराशा व्यक्त की.’ लेवल 2 के अपराध के लिए कौर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड पर तीन डिमेरिट अंक दिये गये. आईसीसी ने कहा, ‘उन्हें अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाने से संबंधित खिलाड़ियों और खिलाड़ी सहायता कर्मियों के लिए आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया.’

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कौर से स्वीकार किया अपराध

हरमनप्रीत कौर पर अंतर्राष्ट्रीय मैच में होने वाली घटना के संबंध में सार्वजनिक आलोचना से संबंधित लेवल 1 के अपराध के लिए उनकी मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया था, जब प्रस्तुति समारोह के दौरान, कौर ने मैच में अंपायरिंग की खुलेआम आलोचना की थी. आईसीसी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि हरमनप्रीत ने अपराध स्वीकार कर लिया है. आईसीसी ने कहा, ‘भारतीय कप्तान ने अपराध स्वीकार कर लिया और एमिरेट्स आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ मैच रेफरी के अख्तर अहमद द्वारा प्रस्तावित प्रतिबंधों पर सहमति व्यक्त की. परिणामस्वरूप, औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी और दंड तुरंत लागू किया गया.’

डिमेरिट अंक की वजह से लगा जुर्माना

लेवल 2 के उल्लंघन में आम तौर पर खिलाड़ी की मैच फीस का 50 से 100 प्रतिशत तक जुर्माना और तीन या चार डिमेरिट अंक होते हैं, जबकि लेवल 1 के उल्लंघन में न्यूनतम जुर्माना आधिकारिक फटकार, अधिकतम जुर्माना खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत और एक या दो डिमेरिट अंक होते हैं. कौर के उदाहरण में, चार डिमेरिट अंकों का दिया जाना दो निलंबन अंकों में बदल गया, जिससे उन्हें एक टेस्ट मैच या दो वनडे या दो टी20 आई, जो भी टीम के लिए पहले हो, से निलंबित कर दिया गया.

क्या है पूरा मामला

भारत बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए पड़ोसी देश की यात्रा पर था. तीसरा और निर्णायक वनडे टाई पर समाप्त हुए. इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अंपायरिंग की काफी आलोचना की. उन्होंने मैच के बाद प्रस्तुति में भी यह मुद्दा उठाया और कहा कि अगली बार जब हम बांग्लादेश का दौरा करेंगे तो इसके लिए तैयार होकर आएंगे कि यहां खराब अंपायरिंग का सामना करना होगा. मैच के दौरान खुद को आउट दिये जाने के बाद हरमन काफी गुस्से में दिखीं और उन्होंने बल्ला स्टंप पर दे मारा. मैदान से बाहर निकलते हुए भी उन्होंने मैदानी अंपायर को कुछ इशारे किए और कुछ शब्द भी कहे. मामला इतना पर ही शांत नहीं हुआ. हरमन ने ट्रॉफी शेयर करते समय बांग्लादेश की कप्तान से कहा कि अंपायरों को भी बुला लो, जिनकी वजह से यह सीरीज टाई रहा. फोटो सेशन के दौरान भी हरमन को बांग्लादेशी खिलाड़ियों पर टिप्पणी करते हुए देखा गया, जिसके बाद बांग्लादेशी खिलाड़ी फोटो सेशन को बीच में छोड़कर ड्रेसिंग रूम की ओर चली गयीं.

पूर्व भारतीय कप्तान ने की आलोचना

भारत की पूर्व महिला कप्तान डायना एडुल्जी ने भी हरमनप्रीत की हरकतों की आलोचना की और कहा कि शायद बल्ले से उनके खराब फॉर्म के कारण हरमनप्रीत ने अपना आपा खो दिया. इंडियन एक्सप्रेस के लिए अपने कॉलम में, एडुल्जी ने कहा कि हरमनप्रीत ने जिस तरह से व्यवहार किया, उससे उन्होंने अपने साथियों के लिए खराब उदाहरण पेश किए. एडुल्जी ने लिखा, ‘खराब अंपायरिंग फैसले पर क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया, हालांकि आदर्श नहीं है, कोई नई बात नहीं है. कुछ हद तक, किसी को माफ किया जा सकता है क्योंकि जब आप एक कठिन मैच में आउट हो जाते हैं, तो कभी-कभी भावनाओं को नियंत्रित करना मुश्किल होता है. हरमनप्रीत असहमति दिखाने वाली पहली क्रिकेटर नहीं हैं और आईसीसी ने उन पर सही तरीके से प्रतिबंध लगाया है. मैं समझती हूं कि गलत फैसले लिए गए थे. हमने अतीत में भी गलत फैसले देखे हैं, न केवल महिला क्रिकेट में बल्कि पुरुष क्रिकेट में भी.’ पूर्व क्रिकेटर एडुल्जी ने कहा, ‘हालांकि, खेल के बाद जो हुआ उसकी जरूरत नहीं थी, खासकर इसलिए क्योंकि हरमनप्रीत भारतीय कप्तान हैं. उन्होंने अपने साथियों के लिए एक खराब उदाहरण पेश किया है. मैं ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योंकि जूनियर सीनियर्स को सम्मान देते हैं और समय के साथ यह टीम की संस्कृति को प्रभावित कर सकता है. यह हरमनप्रीत के व्यवहार को और अधिक अस्वीकार्य बनाता है.’

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