T20 World Cup, IPL 2021: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने पिछले कई सप्ताहों से चल रही अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए सोमवार को कहा कि कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए अक्तूबर-नवंबर में टी-20 विश्व कप का आयोजन भारत की बजाय संयुक्त अरब अमीरात (यूएइ) में किया जायेगा. गांगुली ने कहा कि हमने आइसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को आधिकारिक तौर पर बता दिया है कि टी-20 विश्व कप को संयुक्त अरब अमीरात में स्थानान्तरित किया जा सकता है. ब्यौरा तैयार किया जा रहा है.
बीसीसीआइ हालांकि इस प्रमुख प्रतियोगिता का मेजबान बना रहेगा. गांगुली से पूछा गया कि क्या टूर्नामेंट 17 अक्तूबर को ही शुरू होगा, उन्होंने कहा कि हम कार्यक्रम को कुछ दिनों में अंतिम रूप देंगे. 17 अक्तूबर से टूर्नामेंट शुरू होगा इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं किया गया है. यहां तक कि आइसीसी के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि विश्व संस्था ने अभी तक अंतिम कार्यक्रम पर फैसला नहीं किया है.
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900 करोड़ रुपये टैक्स देना पड़ता भारत सरकार को बीसीसीआइ को कमाई में से
देश में टी-20 विश्व कप के आयोजन नहीं होने से देश को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा सकता है. भारत में यह टूर्नामेंट होते, तो वर्ल्ड कप से मिलने वाले रेवन्यू पर बोर्ड को 46 फीसदी तक टैक्स देना पड़ता. इससे करीब भारत सरकार को 900 करोड़ रुपये की आमदनी होती. अगर सरकार की ओर से काफी छूट मिल भी जाती, तो भी टैक्स के रूप में कम से कम 200 करोड़ रुपए भरने होते.
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2019 विश्व कप से इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को 3600 करोड़ की मदद मिली थी
2019 वनडे वर्ल्ड कप के आयोजन से इंग्लैंड की अर्थव्यस्था को करीब 3600 करोड़ रुपए की मदद मिली थी. कोरोना के कारण इस बार यह राशि भले कम होती, लेकिन इतना तय है कि वर्ल्ड कप के न होने से भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 2500 से 3000 करोड़ रुपये का बूस्ट हासिल करने से चूक जायेगी. बड़े टूर्नामेंटों के होने से होटल बिजनेस और टूरिज्म को बढ़ावा मिलता.