वेस्टइंडीज दौरे के लिए चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट टीम में चयन नहीं होना उनके इंटरनेशनल करियर की समाप्ति माना जा रहा है. विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में प्रभावित करने में असफल रहने के बाद 35 वर्षीय अनुभवी बल्लेबाज को बाहर का रास्ता दिखा गया गया है. इसके विपरित 15 महीने बाद वापसी करने वाले अजिंक्य रहाणे को इस दौरे के लिए टीम का उप कप्तान बनाया गया है. हालांकि टीम चयन पर कई पूर्व क्रिकेटर्स ने सवाल उठाये हैं.
काउंटी क्रिकेट में तहलका मचाने वाले चेतेश्वर पुजारा को डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए टीम में मौका दिया गया, लेकिन वह दो पारियों में 14 और 17 रन ही बना सके. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुजारा की भारतीय टीम में वापसी की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं. बीसीसीआई के एक सूत्र ने संकेत दिया है कि पुजारा के लिए टेस्ट टीम में वापसी के दरवाजे खुले हैं, लेकिन बल्लेबाज को कड़ी मेहनत करनी होगी.
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पुजारा काउंटी में ससेक्स के लिए शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे. ग्लॉस्टरशायर और वॉर्सेस्टरशायर के खिलाफ लगातार शतक बना रहे थे. हालांकि, ओवल में उनका अनुभव काम नहीं आया और वह फेल हो गये. पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पुजारा को टीम से बाहर करने की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत के खराब प्रदर्शन के लिए पुजारा को बलि का बकरा बनाया गया है.
अजिंक्य रहाणे को डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने का इनाम मिला है. उन्होंने 89 और 46 रनों की पारी खेली. द ओवल में उनके इस प्रदर्शन के कारण ही उन्हें उप कप्तान पर प्रोन्नत किया गया. इसलिए अगर रहाणे के टेस्ट करियर को नया जीवन मिल सकता है, तो यह मानने का कोई कारण नहीं है कि पुजारा ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला है.
बीसीसीआई के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘अगर डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले 15 महीने तक बाहर रहने के बाद अजिंक्य रहाणे को टेस्ट टीम का उप-कप्तान बनाया जा सकता है, तो कोई भी टीम में वापसी कर सकता है. किसी भी सीनियर खिलाड़ी के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं. बस आपको कहीं न कहीं बदलाव शुरू करने की जरूरत है. चयनकर्ता ऐसी स्थिति नहीं चाहते जहां सभी सीनियर एक ही बार में मैदान छोड़ दें और हमारे पास ड्रेसिंग रूम में कोई भी अनुभवी खिलाड़ी न बचे.’