पीसीबी यानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने तीन तेज गेंदबाजों वहाब रियाज, मोहम्मद आमिर और हसन अली को अपने टीम के अनुबंध से हटा दिया था. जिसके बाद से पाकिस्तान क्रिकेट कमिटी लगातार आलोचना झेल रही है. अब इस मामले पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और कोच मिस्बाह उल हक ने इस पर बयान दिया है और अपना रुख साफ कर दिया है.
उन्होंने क्रिकेट बोर्ड के बचाव में कहा है कि इन तीनों के चयन को लेकर अब भी विचार किया जाएगा. सबसे ज्यादा दुख तो अनुबंध से हटने पर हसन अली दिखे, उन्होंने इसे लेकर ट्वीट भी किया लेकिन तुरंत ही अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया. पाकिस्तान के कोच ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि हसन काफी महीने से चोट के कारण टीम से बाहर हैं, इस वजह से उन्हें इस सूची से हटा दिया गया है.
मिस्बाह ने आगे कहा कि पिछले प्रदर्शन को देखते हुए और पाकिस्तान टीम की भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. कोच मिस्बाह ने कहा कि वाहब रियाज और मोहम्मद आमिर ने व्हाइट बॉल में ने केवल सीमित ओवेरों की क्रिकेट में ध्यान देने का फैसला किया गया है, इसलिए हमने उन्हें बाहर करने फैसला लिया. मिस्बाह ने ये बातें प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही.
उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं ने आमिर, हसन और वहाब को बाहर करने का कड़ा फैसला किया. हसन चोट के कारण अधिकतर सत्र में नहीं खेल पाये जबकि आमिर और वहाब ने केवल सीमित ओवरों की क्रिकेट पर ध्यान देने का फैसला किया और इसलिए उन्हें बाहर करने का फैसला सही है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह हमारे चयन के दावेदारों में शामिल रहेंगे, क्योंकि वो दोनों एक अनुभवी तेज गेंदबाज हैं जो हमारे लिए खासा मददगार साबित होंगे और युवाओं के लिए मेंटोर की भूमिका भी निभा सकते हैं हसन पसली में फ्रैक्चर के कारण पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में नहीं खेल पाये थे जबकि अधिकतर का मानना है कि वहाब और आमिर को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की सजा दी गयी.
बता दें कि मोहम्मद आमिर ने 28 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी जबकि रियाज ने भी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की राह पर चलते टेस्ट से अनिश्चितकालीन ब्रेक ले लिया था. आपको बता दें कि पाकिस्तान ने मोहम्मद आमिर को कभी पाकिस्तान का दूसरा वसीम अकरम करार दिया था लेकिन यह तेज गेंदबाज मैच फिक्सिंग के आरोप की वजह से बैन भी झेला है.