IND vs WI, Yuzvendra Chahal: लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल हाल के सालों में भारत के सबसे सफल स्पिनरों में से एक रहे हैं और आईपीएल में भी उनका शानदार फॉर्म देखने को मिला है. लेकिन पिछले कुछ महीने से भारतीय वनडे टीम के नियमित सदस्य रहने के बावजूद चहल प्लेइंग इलेवन में जगह बना पाने में नाकाम रहे हैं. चहल को वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के दौरान भी प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली. अब एशिया कप और वर्ल्ड कप अगले बड़े दो टूर्नामेंट हैं लेकिन चहल को इस बात की चिंता नहीं कि उन्हें दोनों टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीमें चुना जाएगा या नहीं. वहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी20 से पहले चहल ने बताया है कि क्यों उन्हें वनडे में मौका नहीं मिल पा रहा है.
आईपीएल के बाद पहली बार खेल रहे हैं चहल
आपको बता दें कि चहल ने पिछला वनडे 24 जनवरी को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. चहल ने वनडे नहीं खेल पाने की वजह खुद ही बतायी है. चहल ने यह भी बताया कि क्यों कुलदीप यादव को उन पर तरजीह दी जा रही है. हालांकि, उन्होंने एशिया कप और वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाने को लेकर उम्मीद नहीं हारी है. आईपीएल के बाद अपना पहला मैच चहल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 में खेला. उन्होंने शुरुआती ओवर में दो विकेट लेकर टीम में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, लेकिन भारत चार रन से मैच हार गया.
कुलदीप अच्छी गेंदबाजी कर रहा है, इसलिए टीम उसका समर्थन कर रही है: चहल
चहल ने दूसरे टी20 से पहले कहा, ‘टीम कॉम्बिनेशन हमारी प्राथमिकता है और यह कोई नई बात नहीं है. सातवें नंबर पर हम आमतौर पर रवींद्र जडेजा या अक्षर पटेल को खिलाते हैं. तीन स्पिनर तभी खेल सकते हैं, जब विकेट स्पिन के अनुकूल हों. कुलदीप वास्तव में अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं. वह शानदार फॉर्म में हैं और यही कारण है कि टीम उनका समर्थन कर रही है. मैं नेट्स पर काम करता रहता हूं ताकि जब भी मुझे मौका मिले मैं उसका फायदा उठा सकूं.
स्क्वॉड का हिस्सा बन कर खूश हूं : चहल
अक्टूबर-नवंबर में घरेलू मैदान पर होने वाले विश्व कप से पहले सभी खिलाड़ियों का ध्यान वनडे मैचों पर है, लेकिन चहल को जनवरी के बाद से कोई मैच नहीं मिल पाया है. हालांकि, यह 33 वर्षीय खिलाड़ी हालांकि इस बात से खुश है कि वह टीम का हिस्सा है. चहल ने कहा, ‘हम प्रोफेशनल क्रिकेटर हैं. मैं दो महीने के बाद खेल रहा हूं. इससे पहले मैंने अपना आखिरी मैच आईपीएल में खेला था. यह सब तैयारियों से जुड़ा हुआ है. यह कोई व्यक्तिगत खेल नहीं है. इसमें आपको टीम के लिए खेलना होता है. ऐसा भी समय आता है जबकि खिलाड़ी को दो श्रृंखलाओं में बाहर बैठना पड़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे टीम का हिस्सा नहीं हैं.’
मैं कोई घर में नहीं बैठा हूं
चहल ने आगे कहा कि छूटे हुए मौकों के बारे में सोचने के बजाय, वह इंडिया की जर्सी पहनकर ही खुद को भाग्यशाली मानते हैं. राज्य स्तर पर शतरंज के खिलाड़ी रहे चहल ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि मुझे हर दिन टीम की जर्सी पहनने का मौका मिलता है. मैं कोई घर में नहीं बैठा हूं. मैं टीम के साथ यात्रा कर रहा हूं. मैं टीम का हिस्सा हूं.’ उन्होंने कहा- ‘मैं शतरंज का खिलाड़ी रहा हूं जो व्यक्तिगत खेल है लेकिन क्रिकेट टीम खेल है. इसमें टीम में शामिल 15 खिलाड़ियों में से 11 को ही खेलने का मौका मिलता है.’
अलग-अलग कप्तानों के अंदर खेलने का अनुभव
2016 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में डेब्यू के बाद से कई कप्तानों के अंदर खेल चुके चहल को लगता है कि जो कोई भी टीम का नेतृत्व कर रहा है, उसके साथ उनका समीकरण ज्यादा नहीं बदलता है. उन्होंने कहा, ‘यह एक परिवार की तरह है जहां आपके चार भाई हैं. माही भाई सबसे बड़े थे, फिर विराट भैया आए, फिर रोहित भैया और अब हार्दिक. समीकरण वही हैं. मैदान पर हम सभी जीतना चाहते हैं. सीनियर प्लेयर्स ने हमें दिया एक गेंदबाज के रूप में आजादी दी और हार्दिक भी गेंदबाजों को पूरी छूट देते हैं.
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