बिहार में शिक्षकों के बाद अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का डंडा छात्रों पर चला है. पाठक के निर्देश पर दरभंगा के विभिन्न प्रखंडों के सरकारी प्राथमिक एवं अपर प्राथमिक विद्यालयों से लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थित 2283 बच्चों का नाम विद्यालय के नामांकन पंजी से हटा दिया गया है. विद्यालय की नामांकन पंजी से हटाए गए बच्चों की संख्या 11 सितंबर तक की है. डीइओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह कदम अपर मुख्य सचिव के उस निर्देश के आलोक में उठाया गया है. जिसमें कहा गया था कि 15 दिनों से अधिक समय तक अपनी कक्षा से अनुपस्थित छात्र-छात्राओं का नाम नामांकन पंजी से हटा दिया जाए. इसी तर्ज पर पूरे राज्य में कार्रवाई की जाएगी.
विद्यालय की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
दरभंगा डीइओ समर बहादुर सिंह ने बताया कि यह कार्यवाही विभागीय निर्देश के आलोक में की गई है. यह अभियान आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि निरीक्षण करने वाले सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे निरीक्षण के दौरान तीन दिनों से अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को बुलाकर बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें. साथ ही अधीनस्थ पदाधिकारियों से यह भी कहा गया है कि विद्यालय की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जाए. शिक्षक- शिक्षिकाएं, शिक्षा सेवक एवं तालमी मरकज अपने पोषक क्षेत्र में अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वे बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें.
लगातार तीन दिन स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के अभिभावकों को जायेगा नोटिस
डीइओ ने कहा है कि विद्यालय परिसर में शैक्षणिक माहौल बनाने की दिशा में तीन दिनों से अधिक अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को विद्यालय की ओर से सबसे पहले नोटिस भेजा जा रहा है. बावजूद बच्चे स्कूल नहीं पहुंचते हैं तो लगातार 15 दिनों के बाद बच्चों का नाम नामांकन पंजी से हटा दिया जायेगा. इस बारे में जिले के सभी स्कूलों से कार्यक्रम अधिकारी सह नगर बीईओ द्वारा रिपोर्ट मांगी जा रही है.
केके पाठक ने दिया था नामांकन रद्द करने का निर्देश
केके पाठक ने बीते दिनों सभी जिलों के डीएम को एक पत्र लिख सभी सरकारी स्कूल के सभी छात्रों की ट्रैकिंग करने का निर्देश दिया था. इस पत्र में कहा गया था कि इस बात की जांच की जाए कि छात्र कहीं एक ही साथ दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहे हैं. ऐसे छात्र नाम कटने के डर से लगातार 15 दिन अनुपस्थित नहीं रहते हैं और बीच-बीच में स्कूल में आते रहते हैं. विभाग को शिकायत मिली है कि डीबीटी लेने के उद्देश्य से छात्र, छात्राएं ने केवल सरकारी विद्यालयों में दाखिला लिया है, जबकि वह जिला या जिला के बाहर के निजी विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं.
वहीं, कुछ छात्रों के तो राज्य के बाहर (कोटा इत्यादि) में भी रहने की सूचना है. इस कारण से ऐसे हर एक मामले की ट्रैकिंग की जाए और इस तरह के छात्रों का नामांकन रद्द किया जाये, जो केवल डीबीटी के उद्देश्य से सरकारी विद्यालयों से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि ऐसे छात्रों एवं उनके अभिभावकों से भी बात की जाए जो तीन दिन से लगातार अनुपस्थित हैं. ऐसे छात्रों को स्कूलों के प्रधानाध्यापक द्वारा नोटिस दिया जाए. वहीं 15 दिन लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द किया जाये.
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केके पाठक शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए दिए कई निर्देश
बता दें कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केके पाठक ने अभियान चला रखा है. इसके लिए उन्होंने स्कूलों में नियमित तौर पर निरीक्षण करने का निर्देश दिया ताकि कक्षाएं निर्धारित और समय से चल सकें और शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति रहे. इस दौरान बिना जानकारी दिए अनुपस्थित रहने वाले कई शिक्षकों पर कार्रवाई की गई. जिन स्कूलों में व्यवस्था सही नहीं पाई गई या कमरों में ताले लटके दिखें उनके प्राचार्यों पर भी कार्रवाई की गई. निरीक्षण के दौरान कई तरह की खामियां भी सामने आई, जिस पर काम करने का निर्देश दिया गया. इस दौरान कई स्कूलों में देखा बच्चों की उपस्थिति बहुत कम है. इसके बाद केके पाठक द्वारा 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई. साथ ही अनुपस्थित रहने वाले बच्चों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए.