पटना. मैथिली की पहली वेब सीरीज 27 अक्टूबर को रिलीज होने जा रही है. इस वेब सीरीज को मधुर मैथिली यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है. पलायन के एक अलग पहलू को सामने लेकर आयी ‘नून रोटी’ का निर्माण मधुर मैथिली प्रोडक्शन हाउस ने किया है. 8 एपिसोड की इस वेब सीरीज के निर्माता- रोशनी झा और विकास झा हैं. इसके निर्माण के पीछे का कारण बताते हुए रोशनी झा कहती हैं कि ओटीटी पर मैथिली भाषा में कुछ था ही नहीं. हमने जिम्मेदारी ली और अब आप सबके लिए प्रस्तुत है. निर्देशक विकास झा ने कहा कि हमारा सपना है कि लोग हमारी भाषा की फिल्मों को गंभीरता से लें, उसके कंटेंट को सराहें.
यह वेब सीरीज पूरी तरह से मिथिला से जुड़ी है
निर्माता रोशनी झा ने कहा कि यह वेब सीरीज पूरी तरह से मिथिला से जुड़ी है. इसकी पूरी शूटिंग बिहार के दरभंगा, भागलपुर, सीतामढ़ी, सहरसा, मधुबनी, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण के बाल्मीकि नगर में हुई है. चार युवाओं की कहानी नून रोटी में सभी कलाकार भी बिहार से हैं. प्रज्ञा और दिबाकर मुख्य किरदार में हैं. मुजफ्फरपुर के मणि कौशिक, भागलपुर से ऋषभ कश्यप और सहरसा से आदर्श भरद्वाज अन्य मुख्य एक्टर्स हैं. दिबाकर ऑल्ट बालाजी व सोनी लाइव की वेब सीरीज के लिए काम कर चुके हैं. यूट्यूब चैनल ‘मधुर मैथिली’ के कई वीडियोज की तरह इस वेब सीरीज में भी रोशनी झा एक्टिंग करती हुई दिखेंगी, इस सवाल पर रोशनी कहती हैं कि इस सीरीज के एक दृश्य में हम पति-पत्नी दोनों दिखेंगे. हमारा किरदार ऐसा है कि पति शादी के बाद अपनी पत्नी को मिथिला घुमाने के लिए लाया है और आज के युवा की तरह मेरा किरदार भी दुबई, अमेरिका घूमना चाहता है. उसे अपनी जगह और भाषा दोनों से दिक्कत है.
नये कलाकार और कम बजट रही बड़ी चुनौती
फिल्म की निर्माता रोशनी झा ने नये कलाकारों को लेकर कम बजट की इस वेब सीरीज के निर्माण में आयी चुनौतियों पर कहा कि मेरे लिए यह एक बड़ा चैलेंज था, क्योंकि दरभंगा जैसे शहर में फिल्म मेकिंग का माहौल ही नहीं था. इसमें कई चुनौतियां आयीं. जो नये कलाकार नहीं समझ पा रहे थे, टेक्निकली उनको जानकार बनाना था. उन्होंने कहा कि मेरी जो वेब सीरीज है, वह अपने आप में एक फिल्म स्कूल बन गयी थी. शूटिंग के दौरान आसपास के लोगों को लग रहा था कि कोई आयोजन होगा कीर्तन-भजन टाइप. वहां के लोग फिल्म की शूटिंग के लिए तैयार नहीं थे. यही दिक्कतें आयीं, जो अच्छी बातचीत से हम आसानी से मैनेज कर लिये.
मेरे लिए सबकुछ मैनेज करना एक अलग चुनौती रही
रोशनी झा ने कहा कि वो इस वेब सीरीज की न केवल निर्माता है बल्कि अभिनेत्री और एक मां भी है. ये सबकुछ मैनेज करना आसान नहीं रहा. दरभंगा जैसे शहर में आप समझ सकते हैं एक महिला के लिए कितना बंधन होता है. ऐसे में पूरी टीम के साथ रहना, उन लोगों के बीच समन्वय बनाना और फिर घर की जिम्मेदारी को भी देखना, ये सबकुछ बस हो गया, आज यही कह सकती हूं. मैं संभवत: मैथिली की पहली महिला कलाकार हूं जो फिल्म निर्माण के हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रही हूं.
हमने जो कमाया था वही लगाया है
जहां तक फंड का सवाल है तो हमारे पास बहुत ज्यादा फंड्स नहीं था. हमें ऐसा कोई सरकारी अनुदान कभी भी नहीं मिला है. मिलेगा भी कैसे, अभी कोई प्रॉसेस भी नहीं है. बिहार में फिल्म को लेकर सरकार के पास कोई ठोस नीति भी नहीं है. अभी लोग बात ही कर रहे हैं कि ऐसा होगा कुछ. बिहार में ऐसा प्रॉसेस अभी एक्टिव हुआ ही नहीं है. मुझे लगता है कि अभी तीन से चार साल लग जायेंगे इसमें. पॉलिटिकल विल की भारी कमी है. ऐसे में हमने जो कमाया था वही लगाया है. काम बेहतर हुआ है, ईमानदारी से किया है. अच्छा कंटेंट देने पर हमारा फोकस रहा है. अब नून रोटी दर्शक सामने है. हमारी कोशिश को वो सपोर्ट करें. उन्होंने कहा कि दर्शकों ने इस वेब सीरीज का थीम सॉन्ग ‘संग लेने चलू ने’ को जिस प्रकार पसंद किया वैसे ही उम्मीद है इस सीरीज को भी पसंद करेंगे.
मुखिया जी फिल्म से दोनों आये करीब
रोशनी झा और विकास झा फिल्म मुखिया जी के दौरान एक दूसरे के करीब आयीं और बाद में दोनों ने एक दूसरे को अपना लिया. सरकारी नौकरी की चाहत लेकर दरभंगा में पले बढ़े विकास डिफेंस सर्विस के रिटेन एग्जाम छह-सात बार क्लियर किये, पर इंटरव्यू में छट जाते थे. फिर क्रिएटिव झुकाव हुआ और नोएडा फिल्म स्कूल से दो साल का कोर्स किया. प्रकाश झा के प्रोडक्शन हाउस में बतौर अस्सिस्टेंट काम करने के बाद अनुराग कश्यप के मेंटरशिप में काम किया. 2011 में मैथिली फिल्म ‘मुखिया जी’ का निर्देशन और फिल्म की अभिनेत्री रोशनी उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था. यूट्यूब चैनल ‘मधुर मैथिली’ से वो आज मिथिला के घर-घर लोकप्रिय हो चुके हैं.