22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिल्ली सरकार की बड़ी जीत, अब प्रशासनिक ट्रांसफर- पोस्टिंग दिल्ली सरकार के नियंत्रण में

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दिल्ली और केंद्र सरकारों के बीच सेवा विवाद के मामले में गुरुवार को सर्वसम्मति से फैसला दिया. ‘आप’ ने केंद्र-दिल्ली सेवा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना की है. जानें कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने आज सेवाओं पर अधिकार को लेकर केंद्र बनाम दिल्ली सरकार के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण होना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने जस्टिस अशोक भूषण के 2019 के फैसले से सहमति नहीं जतायी जिसमें यह कहा गया था कि दिल्ली के पास सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है.

संविधान की मूलभूत संरचना का हिस्सा है देश का संघीय ढांचा

संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि लोकतंत्र और देश का संघीय ढांचा संविधान की मूलभूत संरचना का हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि शासन के लोकतांत्रिक स्वरूप में प्रशासन की वास्तविक शक्ति निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए . सेवाओं पर अधिकार के मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर अधिकारियों को मंत्रियों को रिपोर्ट करने से रोका जाता है तो सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत पर असर पड़ता है.

जनता ने दिल्ली सरकार को भी चुना है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की शक्ति का कोई और विस्तार संवैधानिक योजना के प्रतिकूल होगा. अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी चुनी हुई सरकार की व्यवस्था है, इसलिए संघीय ढांचे के अनुसार सेवाओं का अधिकार उसके पास होना ही चाहिए. कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों के अलावा सेवाओं पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण होना ही चाहिए.

केजरीवाल सरकार को मिली बड़ी जीत

सेवाओं पर अधिकार मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की बड़ी जीत हुई है. चीफ जस्टिस ने कहा सर्विसेस दिल्ली सरकार के नियंत्रण में हों. विधानसभा को कानून बनने का अधिकार है. राज्यपाल को सरकार की सलाह माननी चाहिए. एलजी सरकार की सलाह और परामर्श से काम करे. अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेगा.

क्या कहा सीजेआई ने

दिल्ली-केंद्र सेवा विवाद पर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि न्यायाधीश अशोक भूषण के 2019 के फैसले से सहमत नहीं है कि दिल्ली के पास सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्वाचित सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण जरूरी है.

Also Read: दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की वैधता का मामला बड़ी बेंच को सौंपा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेवाओं को लेकर दिल्ली सरकार के पास विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली देश में अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह, केंद्र शासित प्रदेश नहीं है. केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का ‘अद्वितीय’ चरित्र है और उसके पास सेवाओं पर विधायी तथा कार्यकारी शक्तियां हैं.

दिल्ली में भी चुनी हुई सरकार की व्यवस्था

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों के अलावा सेवाओं पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण. अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी चुनी हुई सरकार की व्यवस्था है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की शक्ति का कोई और विस्तार संवैधानिक योजना के प्रतिकूल होगा. कोर्ट ने दिल्ली-केंद्र विवाद पर कहा कि यदि ‘सेवाओं’ को विधायी, कार्यकारी अधिकार क्षेत्र से बाहर किया जाता है तो मंत्रियों को सरकारी अधिकारियों पर नियंत्रण से बाहर रखा जाएगा.

राघव चड्ढा ने क्या कहा

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश संदेश देता है कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों का काम ‘‘गैर निर्वाचित अनधिकृत दावेदारों’’ के बजाय, निर्वाचित सरकार के माध्यम से दिल्ली के लोगों की सेवा करना है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना

‘आप’ ने केंद्र-दिल्ली सेवा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना की और इसे ‘‘दिल्ली सरकार की बड़ी जीत’’ बताया. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के लिए आठ साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी, आज उन लोगों की जीत हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें