नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करना चाहते हैं. पार्टी को मजबूत करने के लिए केजरीवाल लगातार रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. पार्टी के पास लोकसभा चुनाव के लिए लंबा वक्त है लेकिन कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी पार्टी ने अभी से शुरू कर दी है.
साल 2022 में उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश की राजनीति में आम आदमी पार्टी की दखल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह लगातार यूपी पर पकड़ बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं जाहिर है चुनाव में पार्टी की रणनीति की कमान संजय सिंह के हाथ में होगी.
संजय के हाथ में यूपी की कमान
संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और यूपी में पार्टी की मजबूती साबित करने की भी कोशिश की. लखनऊ स्थित आम आदमी पार्टी के कार्यालय को बंद करने के पीछे उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हाथ बताया.
इसे लेकर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया और योगी पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ एक जाति पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. यूपी में ब्राह्मणों का हाल बुरा है. जाहिर है संजय विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं. पार्टी किन मुद्दों के साथ यहां आगे बढ़ेगी यह तो चुनाव के नजदीक आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन जाहिर है यूपी में जातिवाद का मुद्दा अहम होगा.
किन – किन राज्यों में है विधानसभा चुनाव
साल 2022 आम आदमी पार्टी के लिए बेहद खास है. इस चुनाव से पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की मजबूती का पता लगाया जा सकेगा. अगर पार्टी इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करती है तो आने वाले वक्त में पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए एक विकल्प के रूप में खड़ी हो सकती है.
साल 2022 आम आदमी पार्टी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसी वक्त उत्तर प्रदेश, पंजाब उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा चुनाव होना है. इन चार विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी आम जनता का मजबूत प्रतिनिधित्व करने की कोशिश करेगी.
यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव हो सकते हैं
यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को अपना आधार समझने का भी एक मौका मिलेगा. यूपी में पंचायत चुनाव होने हैं जिसकी तैयारी भी “आप” कर रही है. उत्तर प्रदेश में 58758 ग्राम पंचायत, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं.
पंचायत चुनाव इसी साल के आखिर तक होने थे लेकिन कोरोना की वजह से चुनाव टाले जाने की संभावना है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव नवाब सोनी कहते हैं, हम तैयार हैं कार्यकर्ताओं को गांव, गली में संपर्क मजबूत करने के लिए कहा गया है.
पंजाब में “आप” की स्थिति
लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां दूसरी लोकसभा सीटों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया था. पार्टी के एक मात्र लोकसभा सांसद भगवंत मान यहीं से आते हैं. इस जीत के बाद पार्टी को यहां से विधानसभा चुनाव में जीत का भरोसा था लेकिन कांग्रेस आगे निकल गयी हालांकि प्रदेश में अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बन गई है. इस चुनाव में पार्टी दोबारा मजबूती से चुनाव लड़ने की कोशिश करेगी. भगवंत मान को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. पार्टी को पंजाब की सत्ता तक पहुंचाने की कमान उनके हाथ में ही है.
गोवा और उत्तराखंड की स्थिति
विधानसभा चुनाव में पार्टी की नजर इन दो छोटे राज्यों पर भी है. गोवा में आम आदमी पार्टी ने पिछली बार भी चुनाव लड़ा था लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. पार्टी ने इस बार कमान आतिशी मार्लेना के हाथों में सौपी है. उत्तराखंड में भी में दिल्ली के विधायक दिनेश मोहनिया को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak