Uphaar Fire Tragedy: उपहार अग्निकांड मामले में अदालत ने रियल एस्टेट कारोबारियों सुशील अंसल और गोपाल अंसल को सबूतों के साथ छेड़छाड़ का दोषी ठहराया. इसके साथ ही, पूर्व दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य को भी दोषी ठहराया गया है. बता दें कि उपहार अग्निकांड में 59 लोग मारे गए थे. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने इस मामले में अदालत के एक पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और अन्य व्यक्तियों पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी दोषी ठहराया है. अदालत में सोमवार को सजा पर बहस हो सकती है.
इससे पहले दिल्ली के पटियाला हाउस अदालत के मुख्य महानगर दंडाधिकारी पंकज शर्मा ने बृहस्पतिवार को अंतिम जिरह पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने उपहार हादसा पीड़ितों की ओर से कोर्ट को बताया कि अंसल बंधुओं और एचएस पंवार ने मुख्य उपहार केस में सीबीआई द्वारा जुटाए साक्ष्यों को नष्ट करने की साजिश रची थी. इनमें से चुनकर अहम दस्तावेजों को नष्ट कर दिया गया और उनमें काफी गायब हो गए.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं को दो साल कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं को काटी गई सजा और 30-30 करोड़ रुपये जुर्माने के बाद रिहा कर दिया था. इस राशि का प्रयोग राजधानी में ट्रॉमा सेंटर बनाने में किया जाना था. सुनवाई के दौरान दो अन्य आरोपियों हर स्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की मौत हो गई. गौरतलब है कि दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.