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Delhi Rain: यमुना का दिख रहा रौद्र रूप, खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी, निचला इलाका कराया गया खाली

Delhi Rain: दिल्ली में यमुना नदी का जल खतरनाक स्तर को भी पार कर गया है. निचले इलाकों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए दिल्ली सरकार ने उसे खाली कर दिया है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है.

Delhi Rain: दिल्ली में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है. यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान के ऊपर बह रहा है. बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है.  वहीं जलस्तर खतरनाक स्तर पर बढ़ जाने को लेकर ओल्ड रेलवे ब्रिज को सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. दिल्ली में नदी का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था.

कितना बढ़ा जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के बाढ़-निगरानी मंच ने बताया कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार सुबह छह बजे तक ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर बढ़कर 206.38 मीटर पर पहुंच गया. इसके मंगलवार यानी आज शाम तक 206.75 मीटर तक बढ़ने की आशंका है. जलस्तर बढ़ने के कारण अधिकारियों ने ऐहतियातन ओल्ड रेलवे ब्रिज को सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया है.

सीएम केजरीवाल ने की थी घोषणा
यमुना नदी के जलस्तर को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन कहा था कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति की फिलहाल संभावना नहीं है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा था कि अगर बाढ़ के हालात बनते है तो सरकार इससे निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी कहा था कि युमान का जलस्तर अगर 206 मीटर के लेवल को पार कर जाता है तो निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा. इसी कड़ी में एक अधिकारी ने बताया कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद सोमवार रात को वहां से लोगों को निकालना शुरू किया गया.

हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने का कारण है हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाना. हथिनी कुंड बैराज पर पानी का प्रवाह सुबह 10 बजे बढ़कर 344035 क्यूसेक था जो सुबह 11 बजे बढ़कर 359760 क्यूसेक हो गया. आमतौर पर हथिनी कुंड बैराज पर पानी की प्रवाह दर 352 क्यूसेक रहता है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इसका प्रवाह बढ़ जाता है. एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है. बैराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब दो से तीन दिन लग जाते हैं.

राहत और बचाव दल के साथ-साथ नौकाएं और मोटर बोट तैनात
दिल्ली में भीषण बारिश, जलभराव और यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के कारण दिल्ली सरकार ने सोमवार और मंगलवार स्कूलों को बंद रखने का निर्देश जारी किया था. इसके अलावा त्वरित प्रतिक्रिया दल और नौकाएं भी तैनात कर दिए गए थे, ताकि किसी भी आपातकाल से निपटा जा सके. वहीं, सरकारी अधिकारियों की रविवार की छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया गया था.

बता दें, दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. बचाव एवं राहत कार्यों के लिए 50 से अधिक मोटर चलित नौकाओं को तैनात किया गया है, और गोताखोरी तथा चिकित्सकीय दलों को सभी आवश्यक सामग्रियों व उपकरणों के साथ तैयार रखा गया है.
भाषा इनपुट से साभार

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