12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिल्ली में कब खत्म होगी डॉक्टर की हड़ताल ? कहां फंसा है पेंच

दिल्ली नगर निगम के अस्पताल कर्मचारियों का हड़ताल जारी है.स 22 अक्टूबर से ही दिल्ली के कई अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं.

दिल्ली नगर निगम के अस्पताल कर्मचारियों का हड़ताल जारी है. 22 अक्टूबर से ही दिल्ली के कई अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स वेतन नहीं मिलने से नाराज हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की नारजागी है कि उन्हें 4 महीने से सैलरी नहीं मिली है . उनके के लिए रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो रहा है.

इन अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर

बीते कई दिनों से हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा हॉस्टिपल सहित कई अन्य अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल हैं. सभी डॉक्टर्स, डॉक्टर एसोसिएशन के बैनर तले बकाया सैलरी के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या है परेशानी क्यों नहीं मिल रहा है वेतन

नगर निगम स्वास्थ्यकर्मियों के बकाया वेतन को लेकर कह रहा है कि उनके पास वेतन देने के लिए फंड नहीं है. दूसरी तरफ राज्य सरकार इस मामले पर नगर निगम पर ठिकरा फोड़ रही है. कानून और संविधान के हिसाब से दिल्ली सरकार को निगम को जितना भुगतान करना चाहिए.

सरकार ने उससे 10 रुपये ज्यादा का भुगतान किया है.सरकार इस वक्त खुद आर्थिक परेशानियों से जूझ रही है. केजरीवाल ने कहा कि निगम में फैले भ्रष्टाचार की वजह से निगमों के पास धन के लाले पड़े हैं.केंद्र सरकार दिल्ली को छोड़कर देश के बाकी सभी निगम निगमों को फंड देती है. केंद्र सरकार पूरे देश में जितने नगर निगम हैं, उन्हें ग्रांट देती है. जो 485 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से होता है.

क्या कह रही है दिल्ली सरकार

फंड की कमी का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा, पिछले कुछ सालों से दिल्ली के तीनों नगर निगमों को ग्रांट नहीं मिल रही. दिल्ली में सवा दो करोड़ जनसंख्या है, इसके हिसाब से करीब 1200 करोड़ रुपये हर साल के बनते हैं. 10 साल के बन गए 12 हजार करोड़ रुपये, केंद्र सरकार ने नगर निगम के 12 हजार करोड़ रुपये देने हैं. इन सबके बावजूद हम दिल्ली में कांग्रेस सरकार के तुलना में हम एमसीडी को दोगुने से तीन गुने पैसे दे रहे हैं आखिर वो पैसे कहां जा रहे हैं?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें