15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand News: संताल परगना में बनेगा हाथियों का नया गलियारा

लोकसभा में मंगलवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने संताल परगना में हाथियों के उत्पात से जान-माल के नुकसान व साहिबगंज में फॉसिल्स के संरक्षण का मुद्दा उठाया.

देवघर : लोकसभा में मंगलवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने संताल परगना में हाथियों के उत्पात से जान-माल के नुकसान व साहिबगंज में फॉसिल्स के संरक्षण का मुद्दा उठाया. सांसद डॉ दुबे ने कहा : झारखंड के साहिबगंज में देश का सबसे बड़ा धरोहर है. साहिबगंज में 19 करोड़ साल पुराना फॉसिल्स है, लेकिन पूरा फॉसिल्स को गिट्टी माफिया ने समाप्त करने का फैसला कर लिया है.

मंडरो में हमलोगों ने फॉसिल्स पार्क बनाया है. इस इलाके में पूरे पहाड़ को खत्म करने के बाद अब स्थिति यह हो गयी है कि संताल परगना में प्रत्येक 15 दिन में हाथी आते हैं और यहां के लोगों को मारकर चले जाते हैं. इस इलाके में एक भी संरक्षित जंगल नहीं है. नेशनल जंगल नहीं है.

इससे न फॉसिल्स को बचाने में काम कर पा रहे हैं और न ही हाथियों के उत्पात से लोगों को बचा पा रहे हैं. सांसद डॉ दुबे की इस मांग पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हाथी का एक गलियारा बना है, जो झारखंड से शुरू होकर बंगाल के बांकुड़ा व मेदनीपुर होते हुए ओड़िशा की ओर जायेगा. पूरे तरीके से नये हाथी का गलियारा बनाने पर काम चल रहा है.

इसमें रेलवे के साथ काम चल रहा है. हाथी का नया गलियारा बनाने के लिए संताल परगना के इलाकों को चिह्नित करते हुए योजना बनायी जायेगी. संताल परगना के किन-किन इलाकों से हाथी का गलियारा बनेगा, इसे जल्द चिह्नित करने का काम शुरू होगा. संताल परगना में हाथी नया गलियारा बनाते हुए इसे झारखंड के पुराने गलियारे से जोड़ दिया जायेगा.

हर साल एक दर्जन से अधिक लोग हो जाते हैं हाथियों के शिकार

संताल परगना में हर साल एक दर्जन के अधिक लोग हाथी के शिकार हो जाते हैं. झुंड से बिछड़े हाथी जामताड़ा से लेकर साहिबगंज तक उत्पाद मचाते हैं. घरों को नुकसान करता है. जो कोई ग्रामीण व शहरी इन हाथियों की चपेट में आ जाते हैं, हाथी उनको कुचल कर मार देते हैं. कॉरिडोर नहीं होने की वजह से हाथी भटकते रहते हैं. साहिबगंज में एक हाथी को गोली भी मारा गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें