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झारखंड : आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम से लैस होगा देवघर का सदर अस्पताल, अगलगी की घटना होने पर बज उठेगा सायरन

सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम शुरू हो गया है. इसी के तहत देवघर सदर अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का काम शुरू हो गया है. इसके लगने से किसी भी प्रकार की अगलगी की घटना होने पर सायरन बज उठेगा और पानी का फव्वारा आग को बेकाबू होने से रोकेगा.

Jharkhand News: धनबाद के हाजरा क्लीनिक में हुई भीषण अगलगी की घटना से सबक लेते हुए सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, रांची, के निर्देश पर देवघर सदर अस्पताल में आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. इसमें करीब 1.20 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा तथा जमशेदपुर की क्रेशन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी इस काम को करा रही है. इस सिस्टम के तहत किसी भी प्रकार की अगलगी की घटना होने पर सायरन बज उठेगा और पानी का फव्वारा आग को बेकाबू होने से रोकेगा. आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगने से न सिर्फ मरीजों, बल्कि डॉक्टर व कर्मचारियों की सुरक्षा भी पुख्ता होगी.

टैंक बनाने और पाइप लाइन का कार्य शुरू

फायर फाइटिंग सिस्टम का काम करा रही कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सोनू सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में के पीछे सिविल वर्क के तहत गड्ढे की खुदाई शुरू कर दी गयी है. साथ ही अस्पताल के अंदर पाइपलाइन बिछायी जायेगी. इस काम को पूरा करने में करीब चार माह का समय लगेगा. अस्पताल के सभी बिल्डिंग समेत महिला वार्ड, पुरुष वार्ड, स्टोर, एनएनसीयू, इमरजेंसी, आइसीयू, जेरियाट्रिक समेत अन्य सारी वार्डों में तथा अन्य एरिया में पाइपलाइन के लिए जगह चिन्हित कर कार्य किया जायेगा. साथ ही बड़े और मोटे पाइप लगाने से पहले वेल्डिंग का कार्य किया जा रहा है. सिविल वर्क में अस्पताल के पीछे 25/15 फीट का वाटर हाईड्रेंट के लिए बड़ा टंकी का निर्माण कराया जा रहा है. साथ ही पानी की टंकी से पाइप लाइन के साथ पंप रूम में पैनल सिस्टम व एक मोटर लगाये जायेंगे, ताकि अस्पताल बिल्डिंग में पानी आपूर्ति की कमी नहीं हो.

सदर अस्पताल में हर रोज 100 से अधिक मरीज रहते हैं भर्ती

सदर अस्पताल में करीब 180 बेड हैं तथा औसतन रोजाना 100 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं. साथ ही ओपीडी में प्रतिदिन करीब 600 से 700 मरीजों का इलाज किया जाता है. अस्पताल के तीन मंजिला मुख्य भवन के साथ एमसीएच बिल्डिंग, कुपोषण उपचार केंद्र बिल्डिंग, महिला ओपीडी का दो मंजिला भवन है. इसमें मरीजों के लिए वार्ड, आपरेशन थियेटर, कर्मचारियों के ऑफिस, पेइंग वार्ड भी बनाये गये हैं.

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अगलगी की घटनाओं पर समय रहते पाया जा सकेगा काबू : सिविल सर्जन

इस संबंध में देवघर के सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी ने कहा कि सदर अस्पताल में यह सिस्टम आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए लगाया जा रहा है. इसके लगने से अगलगी की घटनाओं पर समय रहते काबू पाया जा सकेगा. इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही लगातार इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है.

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