Jharkhand Cyber Fraud News: देवघर जिले के पालोजोरी थाना क्षेत्र के पहरीडीह गांव में फर्जी पुलिस पदाधिकारी बन कर चार सदस्य छापेमारी के बहाने एक व्यक्ति से रुपये ऐंठने की नीयत से उसके घर में घुस गये. फर्जी पुलिस ने घर के एक सदस्य को अपने हिरासत में लेकर गिरफ्तार करने की बात कहने लगी. इसी दौरान डर के मारे उनके परिजन पुत्र को गिरफ्तारी से बचाने की गुहार लगाकर 35-40 हजार रुपये दे दिये. घंटों तक ये नाटक देख पड़ोसी एक युवक ने मामले की जानकारी पालोजोरी थाना की पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पालोजोरी थाना प्रभारी दलबल उक्त घर में पहुंचे व घेराबंदी कर घर में घुसे फर्जी पुलिस के एक सदस्य को खदेड़ कर पकड़ा, जबकि उसके तीन अन्य साथी नकद 35-40 हजार रुपये लेकर फरार हो गये. पुलिस ने उसके पास से ओड़िशा नंबर की एक कार जब्त की. पुलिस ने उस कार के अंदर से पुलिस की वर्दी, पुलिस की टोपी, बैज, राजस्थान पुलिस का लोगो, फर्जी आइकार्ड आदि बरामद किया है.
इस संदर्भ में देवघर साइबर डीएसपी आलोक रंजन ने बताया कि गिरफ्तार फर्जी पुलिस जवान से पूछताछ के क्रम में उसने अपना नाम कुमार प्रिंस निराला बताया है. उसने अपना घर बिहार के मुंगेर जिला अंतर्गत असरगंज थाना क्षेत्र के सजुआ गांव बताया. वहीं फरार होने वालों में से दो फर्जी पुलिस जवान उसी गांव का रहने वाले हैं. चौथा फर्जी पुलिस जवान, जिसके इशारे पर इस पूरे षडयंत्र को रचा गया था, वह मधुपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया जाता है. गिरफ्तार जवान से पुलिस सघन पूछताछ कर रही है. फरार तीनों की गिरफ्तारी के छापेमारी की जा रही है.
प्राथमिकी दर्ज, पड़ताल में जुटी पुलिस
इधर, खागा थाना क्षेत्र के पहरीडीह निवासी मिथुन कुमार पंडित ने एक नामजद सहित तीन अज्ञात के खिलाफ डकैती के इरादे से घर में घुसने, साइबर अपराधी बताकर गिरफ्तार करने की बात कह कर रुपये ऐंठने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है. पालोजोरी पुलिस गिरफ्तार फर्जी पुलिस जवान कुमार प्रिंस निराला व अन्य नामजद आरोपितों के आपराधिक इतिहास को खंगालने का प्रयास कर रही है.
जब्त कार कहीं चोरी का तो नहीं, नंबर से पड़ताल में जुटी
बरामद ओड़िशा की कार के रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर पुलिस पड़ताल में जुट गयी है. इसके लिए परिवहन कार्यालय से भी संपर्क साधा गया है. कार के चेचिस नंबर, गाड़ी नंबर की पड़ताल की जा रही है. पुलिस को संदेह है कि कहीं यह कार लूट की तो नहीं है, जिसका इस्तेमाल गिरोह के सदस्य कर रहे थे.