जसीडीह स्टेशन परिसर से रहस्यमय परिस्थिति में बच्चे के गायब हो जाने के बाद से स्टेशन में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. 48 घंटे बाद भी चार वर्षीय रौशन कुमार का रेल पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है. पुलिस यह भी पता नहीं लगा सकी है कि रात में बच्चा खुद से कहीं चला गया या किसी ने उसका अपहरण कर लिया है.
जसीडीह स्टेशन में सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह करीब 16 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इन कैमरों से स्टेशन में आने-जाने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाती है. साथ ही स्टेशन परिसर पर आरपीएफ व जीआरपी पदाधिकारी व जवान तैनात रहते हैं. बावजूद हैरानी की बात है कि कोई बच्चा स्टेशन परिसर के टिकट काउंटर के पास से गायब हो जाता है और सीसीटीवी फुटेज में भी उसका पता तक नहीं चलता है.
इधर, बच्चे के गायब होने के बाद से परिजन परेशान हैं और लगातार रेल पुलिस सहित अन्य थानों से संपर्क कर बच्चे की खोजबीन करने की गुहार लगा रहे हैं. साथ ही क्षेत्र में लगातार माइकिंग करा रहे हैं. रेल पुलिस ने जीआरपी में प्राथमिकी दर्ज कर जांच-पड़ताल कर रही है. इसके साथ ही जीआरपी बच्चे की खोजबीन के लिए आसपास के थाने व चाइल्डलाइन से संपर्क कर बच्चे का फोटो देकर खोजबीन करने में जुटी है.
Also Read: देवघर एम्स में जनजातीय स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय सम्मेलन आज से, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे उद्घाटन
घटना के संबंध में बच्चे के पिता बिहार के नालंदा जिला अंतर्गत इस्लामपुर थाना क्षेत्र के निवासी कन्हैया साव ने जीआरपी में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज मामले में पिता ने बताया कि बुधवार की शाम को वह अपनी पत्नी प्रियंका कुमारी, भाई विकास कुमार, पुत्र रितिक कुमार, रौशन कुमार सहित अन्य के साथ फतुहा स्टेशन से 13288 साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार होकर जसीडीह स्टेशन पहुंचे थे. इस दौरान रात होने के कारण परिवार के सभी सदस्य स्टेशन परिसर के टिकट काउंटर के पास सो गये थे. सुबह करीब चार बजे उठे तो देखा कि पुत्र रौशन कुमार गायब है. इसके बाद परिवार के सदस्य स्टेशन परिसर सहित अन्य स्थानों में खोजबीन करने लगे, लेकिन किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली.
प्रभात खबर से बात करते हुए बच्चे की मां प्रियंका कुमारी ने बताया कि बच्चे के गायब होने के बाद प्लेटफाॅर्म पर घूम रहे पुलिस से संपर्क कर घटना की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया और सुबह साढ़े आठ बजे आने के लिए कहा. उसके बाद हमलोग अपने स्तर से खोजबीन करने के बाद आरपीएफ थाना गये. उन्होंने आरोप लगाया कि थाना में बैठे अधिकारी ने हमारी मदद करने के बजाय अपने स्तर से खोजबीन करने की बात कहकर भगा दिया. दोबारा वहां गयी तो कहा गया कि सुबह आठ बजे आना कैमरे में देख कर बताएंगे. उसके बाद जीआरपी थाना गयी और लिखित शिकायत दी. उन्होंने बताया कि पैसे भी खत्म हो गये हैं. मेरे पति घर पैसा लाने के लिए गये हैं. मेरे दो भाई व अन्य परिजन यहां रहकर बच्चे को खोज रहे हैं.
जीआरपी इंस्पेक्टर सह प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि बच्चे के गायब होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर लगातार उसकी खोजबीन की जा रही है. खोजबीन के लिए आसपास के थाने सहित चाइल्डलाइन से संपर्क कर बच्चे का फोटो दिया गया है. स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया है, लेकिन घटना कैमरे में कैद नहीं हो सकी है.