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Madhupur Up Chunav Result : हेमंत सोरेन का किला मजबूत, उपचुनाव में भाजपा की लगातार तीसरी शिकस्त, जानें किस वजह हुई यूपीए गठबंधन की जीत

हफीजुल को मंत्री बना कर हेमंत सोरेन ने पहले ही उनका कद बढ़ा दिया था. मंत्री के रूप में हफीजुल को चुनावी मैदान में उतार कर लोगों में विश्वास बनाया. उपचुनाव में यूपीए की लगातार तीसरी जीत : उपचुनाव में यूपीए की यह लगातार तीसरी जीत है. इससे पहले बेरमो सीट कांग्रेस ने निकाल कर दी. तीनों ही उपचुनाव में यूपीए एकजुट रहा.

Jharkhand News, Deoghar News रांची : मधुपुर उपचुनाव के परिणाम ने झारखंड की राजनीति के गहरे संकेत दिये हैं. संताल परगना में यह दूसरा उपचुनाव था. इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दुमका सीट खाली करने के बाद उनके भाई बसंत सोरेन ने उपचुनाव में जीत कर हासिल कर सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा की साख बचायी थी. इस बार मधुपुर उपचुनाव जीत कर झामुमो ने संताल पगरना में अपनी ताकत दिखायी है. झामुमो ने हाजी हुसैन अंसारी की मौत के बाद खाली हुए इस सीट से उनके पुत्र हफीजुल हसन पर दावं चला.

हफीजुल को मंत्री बना कर हेमंत सोरेन ने पहले ही उनका कद बढ़ा दिया था. मंत्री के रूप में हफीजुल को चुनावी मैदान में उतार कर लोगों में विश्वास बनाया. उपचुनाव में यूपीए की लगातार तीसरी जीत : उपचुनाव में यूपीए की यह लगातार तीसरी जीत है. इससे पहले बेरमो सीट कांग्रेस ने निकाल कर दी. तीनों ही उपचुनाव में यूपीए एकजुट रहा.

अपने वोटरों को भटकने या बिखरने का मौका यूपीए ने नहीं दिया. झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेता-कैडर खुले मन से साथ रहे. दुमका और बेरमो फिर उसके बाद मधुपुर में तीनों दलों के मंत्री, नेता और कार्यकर्ताओं में चुनावी तालमेल दिखा. दुमका और मधुपुर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के नेताओं का भी भरपूर साथ लिया. यूपीए के अंदर कहीं माइलेज लेने की होड़ नहीं दिखी. मधुपुर में हेमंत कोई चूक नहीं करना चाहते थे.

राजद नेता तेजस्वी यादव को भी प्रचार में उतारा. वहीं कांग्रेस से मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, विधायक प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सभी जुटे रहे. कांग्रेस और झामुमो की समन्वय समिति बनी. जिस नेता की जिधर पैठ, उधर लगाया. जातीय समीकरण का संतुलन बनाया. उधर एनडीए बिखरा रहा.

भाजपा ने आजसू नेता व पिछले बार प्रत्याशी रहे गंगा नारायण सिंह को हाईजैक किया. आजसू के पास भी मधुपुर में गंगा नारायण ही ताकत थे, जमीनी स्तर पर आजसू का संगठन नहीं था. गंगा नारायण को भाजपा ने प्रोजेक्ट किया, तो आजसू ने भी दूरी बना ली. पूरे चुनावी कैंपेन से दूर रही.

निशिकांत, बाबूलाल, दीपक प्रकश सहित कई नेताओं ने लगायी थी ताकत

रांची. भाजपा के पूरे कैंपेन में सांसद निशिकांत दुबे, बाबूलाल मरांडी ने ताकत लगायी. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह सहित विधायकों ने कैंप किया. निशिकांत और बाबूलाल चुनावी गणित को सुधारने में लगे रहे. वहीं राज पलिवार के टिकट कटने से उपजी नाराजगी को दूर करने में संगठन लगा था.

संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कई नेताओं को समझाया बुझाया था. भाजपा के अंदर के अंतरविरोध का फायदा लेने के लिए यूपीए ताक लगाये बैठा था. ब्राह्मण वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति थी. यूपीए का फोकस उन इलाकों में रहा, जहां पहले भी स्व हाजी हुसैन को शिकस्त मिलती रही थी.

Posted By : Sameer Oraon

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