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देवघर: मलमास मेला शुरू, बाबा मंदिर का पट खोलने से पहले की गई मां काली की पूजा

बाबानगरी देवघर में मलमास मेला शुरू हो गया. मलमास मेले के पहले दिन बाबा मंदिर में भक्तों की कतार में कमी देखी गयी. बाबा मंदिर का पट खुलने के पूर्व सबसे पहले मां काली मंदिर का पट खोला गया और माता की पूजा की गयी. उसके बाद बाबा मंदिर का पट खुला.

Deoghar News: श्रावण महीने का पहला पक्ष समाप्त हो गया है और दूसरा पक्ष अब 17 अगस्त से प्रारंभ होगा, जो 30 अगस्त तक चलेगा. वहीं मंगलवार से मलमास शुरू हो गया. मलमास मेले के पहले दिन बाबा मंदिर में भक्तों की कतार में कमी देखी गयी. पट खुलने से पहले तीन से चार हजार कांवरिये ओवरब्रिज से लेकर क्यू कॉम्प्लेक्स में पट खुलने के इंतजार में कतार में खड़े थे. वहीं पट खुलने के बाद ब्रिज खाली हो गया तथा पट बंद होने तक कांवरियों को ओवरब्रिज से ही गर्भ गृह तक भेजने की व्यवस्था को जारी रखा गया.

पुजारी गिरधारी झा ने की दैनिक पूजा

बाबा मंदिर का पट खुलने के पूर्व सबसे पहले मां काली मंदिर का पट खोला गया और माता की पूजा की गयी. उसके बाद बाबा मंदिर का पट खुला. मंदिर का पट तय समय पर खोलने के बाद पुजारी गिरधारी झा ने पारंपरिक तरीके से कांचा जल पूजा की. इसके बाद पुजारी ने षोड्शोपचार विधि से बाबा की विधिवत पूजा संपन्नकी. सुबह करीब 4:15 बजे अरघा के माध्यम से आम कांवरियों के लिए जलार्पण प्रारंभ कर दिया गया.

कांवरियों की संख्या में आयी कमी

मंगलवार को झारखंड प्रवेश द्वार दुम्मा में सुबह में प्रति घंटे 600-700 कांवरिये देवघर में प्रवेश कर रहे थे. वहीं दोपहर बाद कांवरियों की आगमन की संख्या 250 से 300 प्रति घंटे हो गयी. भीड़ कम रहने से श्रद्धालुओं की कतार सीधे चलती रही व सुगमता के साथ शाम तक श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया. शाम में मंदिर परिसर में महाआरती में भी काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. कांवरियों की संख्या श्रावणी मेला के मुकाबले मलमास में भक्तों की संख्या कम रही, हालांकि कांवरियों की सुविधा में कोई कमी नहीं की गयी है. बाबा मंदिर से कांवरिया रूट लाइन तक सुरक्षा-व्यवस्था दुरुस्त है. सोमवार की शाम देवघर में तीर्थ पुरोहितों के साथ जिला प्रशासन की बैठक हुई थी, इसमें अरघा को हटाकर स्पर्श पूजा शुरू करने की मांग की गयी थी. इस मांग पर सहमति अब तक नहीं बन पायी है.

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देवघर: मलमास मेला शुरू, बाबा मंदिर का पट खोलने से पहले की गई मां काली की पूजा 2

भीड़ घटने से फीकी पड़ी कांवरिया पथ की रौनक

देवघर. मलमास के पहले ही दिन में कांवरियों की संख्या में कमी आने से कांवरिया पथ की रौनक घट गयी है. अब जत्थे में आते हुए कांवरिये कम ही दिख रहे हैं. मंगलवार को इक्का-दूक्का कांवरियों का आगमन दिन भर होता रहा. इस दौरान सेवा शिविरों में भी सन्नाटा पसरा रहा. मंगलवार को धूप में भी कांवरिया पथ का सेवा शिविर खाली-खाली रहा. हालांकि सुरक्षा-व्यवस्था कांवरिया पथ पर बरकरार है. धूप से राहत देने के लिए कांवरिया पथ इंद्र वर्षा सभी जगह चलायी गयी. कांवरिया पथ पर जल का छिड़काव किया गया.

अरघा से जलार्पण शुरू नहीं हुआ तो बुधवार को लेंगे निर्णय : महामंत्री

मलमास मेला में अरघा हटाने की मांग को लेकर मंगलवार को पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में तीर्थ पुरोहित बाबा मंदिर के प्रशासनिक भवन पहुंचे. इस दौरान महामंत्री ने बताया कि सोमवार को एसडीओ सह मंदिर प्रभारी दीपांकर कुमार चौधरी के साथ बैठक की गयी थी, जिसमें चार बिंदुओं पर चर्चा की गयी थी. इसमें अरघा हटाने को लेकर चर्चा की गई थी, इस पर एसडीओ ने कहा था कि मंगलवार को 12:00 बजे के बाद इस पर निर्णय लिया जायेगा और आपको इस संबंध में जानकारी दे दी जायेगी. घंटों इंतजार के बावजूद कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने पर महामंत्री ने फोन पर बातचीत की. महामंत्री ने बताया कि एसडीओ से बातचीत हुई. उन्होंने कहा है कि अभी बैठक चल रही है, कोई निर्णय नहीं आया है. निर्णय आने पर बता दिया जायेगा.

महामंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला 15 दिन का था, जो समाप्त हो गया है. अब मलमास मेला शुरू हो गया है, जिसमें ढाई साल के बाद श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और स्पर्श पूजा करने की परंपरा रही है, इसलिए अरघा हटाने को लेकर उपायुक्त से एक दिन पूर्व मांग पत्र दिया गया था. इस संबंध में निर्णय अभी तक अधर में लटका हुआ है. भीड़ को देखते हुए अरघा को हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि निर्णय का इंतजार मंगलवार रात तक हम लोग करेंगे और बुधवार को इस पर आगे का निर्णय लिया जायेगा. साथ ही शासन प्रशासन को हम तीर्थपुरोहितों के द्वारा सहयोग करने के लिए श्रावण मास में निकास द्वार से प्रवेश नहीं करके शीघ्रदर्शनम के रास्ते से प्रवेश करते थे. अब मलमास मेला आ गया है तो निकास द्वार से तीर्थ पुरोहित पूजा करने के लिए जा सके, इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें रोका-टोका नहीं जाना चाहिए. इसे लेकर निकास द्वार पर पुलिस व पुरोहित के साथ बहस छिड़ गयी थी. महामंत्री के द्वारा तीर्थ पुरोहित और पुलिस को समझा-बुझाकर मामले को शांत किया गया.

मंदिर के गर्भगृह में मोबाइल व कैमरा नहीं ले जाने की अपील

इसके अलावा मंगलवार को पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने सभी तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय लोगों व यात्रियों से बाबा मंदिर गर्भगृह में मोबाइल व कैमरा पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. इस संबंध में बाबा मंदिर के सिंह द्वार, पूरब द्वार, पश्चिम द्वार व वीआइपी द्वार पर सूचना चिपकायी गयी है. साथ ही मंदिर प्रबंधन से बाबा भोलेनाथ की सरदारी पूजा व शृंगार पूजा में गुणवत्तापूर्ण पूजा सामग्री जैसे दुध, घी, मधु, चंदन, भस्म, अबीर, पेडा, लड्डू व मेवा के उपयोग की मांग की. इस संबंध में सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने कहा कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी तथा मोबाइल या कैमरा का उपयोग करना पूर्ण प्रतिबंधित करने का आवाहन किया गया है. इसके अलावा पूजा में निम्न स्तरीय गुणवत्ता वाली पूजन सामग्री का इस्तेमाल नहीं करने की मांग की है.

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