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एम्स देवघर के मामले में प्रार्थी सांसद निशिकांत दुबे के उठाये गये बिंदुओं पर ऊर्जा व पेयजल विभाग ने दिया जवाब

सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मुख्य सचिव के शपथ पत्र के आलोक में कई बिंदुओं को उठाया गया था. बताया गया कि ऊर्जा विभाग तथा पेयजल व स्वच्छता विभाग का ही जवाब दायर किया गया है.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने एम्स देवघर में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रार्थी व राज्य सरकार के जवाब को सुना. ऊर्जा व पेयजल स्वच्छता विभाग के जवाब को देखते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार के अन्य विभागों का भी जवाब दायर करने को कहा. खंडपीठ ने जवाब दायर करने के लिए 10 दिन का समय दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 19 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.


देवघर सांसद निशिकांत दुबे याचिकाकर्ता

इससे पूर्व प्रार्थी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मुख्य सचिव के शपथ पत्र के आलोक में कई बिंदुओं को उठाया गया था. बताया गया कि ऊर्जा विभाग तथा पेयजल व स्वच्छता विभाग का ही जवाब दायर किया गया है. कुछ विभागों ने जवाब दायर नहीं किया है. प्रार्थी ने एम्स के लिए पानी, पावर सब स्टेशन, सड़क, फायर फाइटिंग वाहन, अधिग्रहित 237 एकड़ में से शेष बची 20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि एम्स देवघर में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. उनकी ओर से एम्स के लिए पर्याप्त बिजली, पानी, पहुंच पथ, फायर ब्रिगेड वाहन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

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