सिंदरी. भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय के हस्तशिल्प सहायक निदेशक भुवन भास्कर के नेतृत्व में विद्यापति परिषद सिंदरी में दो दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी शुरू हो गयी. प्रदर्शनी दो दिनों तक रात आठ बजे तक लगेगी. डीएवी के प्राचार्य आशुतोष कुमार व बच्चों ने प्रदर्शनी में हिस्सा लिया. मौके पर एमएसएमइ सहायक निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है. बैंकों से लोन की सुविधा भी दी जा रही है. हमारा विभाग भी सहयोग कर रहा है.
हस्तशिल्प प्रदर्शनी में कलाकारों की दिख रही प्रतिभा
हस्तशिल्प प्रदर्शनी में बांस शिल्पकला, डोकरा शिल्प, शोलापीठ, काथा कशीदाकारी, फिश स्केल, जूट शिल्प, जादोपटिया चित्रकारी, मधुबनी चित्रकला, कलात्मक वस्त्र निर्माण व सोहराय चित्रकला की प्रदर्शनी लगायी गयी है. बर्दमान के आशीष मालाकार ने कहा कि शोलापीठ शिल्पकला से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पीएम नरेंद्र मोदी के चित्र बनाकर प्रदर्शित किया है. नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट प्राप्त पुष्पा भगत ने बताया कि फिश स्केल शिल्पकला से रेहू व कतला मछली के छाल से भगवान बुद्ध व रवींद्र नाथ टैगोर के चित्र से कई कलाकृतियां बनायी है.
अपनी-अपनी कलाकृतियां प्रदर्शित कर रहे कलाकार
हजारीबाग से आयी रेणु कुमारी ने कहा कि तीन वर्षों से झारक्राफ्ट शिल्पकला का प्रदर्शन कर रहे हैं. बांस से कारीगरी करते हैं. बंगाल के बोलपुर शांति निकेतन से आये गोरंगो दास ने बताया कि जूट शिल्प कला से पिछले सात वर्षों से विभिन्न डिजाइन व हस्तशिल्प का उपयोग कर स्वामी विवेकानंद व रामकृष्ण परमहंस की कलाकृतियां प्रदर्शित की है. मौके पर एमएसएमइ के इन्वेस्टीगेटर सुजीत कुमार, ट्रेनी ऑफिसर विकास कुमार, रवि कुमार, डीएवी के प्राचार्य आशुतोष कुमार, नेहरू युवा केंद्र के रवि कुमार आदि थे.