झारखंड में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही लगातार बारिश से किसानों को नाउम्मीदों के बीच खुशी की किरण लौट आयी है. खेतों में फानी भर गया है. हथिया नक्षत्र में हुई बारिश के बाद कहीं-कहीं धान की बालियां भी उग आयी है, जबकि बीसीसीएल में लगातार हुई बारिश से उत्पादन प्रभावित हुआ है.
ईस्ट कतरास में बारिश से बीसीसीएल के दो आवास गिरे, बचे लोग
न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के ईस्ट कतरास में डेंजर जोन में अवस्थित दो आवास रविवार की रात को बारिश के कारण गिर गये, जिससे करीब पचास हजार की संपत्ति नष्ट हो गयी. घरों में रह रहे बैद्यनाथ भुइयां व दीपक बेलदार के परिवार के सदस्य बाल-बाल बच गये. बैद्यनाथ ने बताया किवे लोग मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं. उसकी मां पहले बीसीसीएल में काम करती थी. उसी क्वार्टर में अब भी रह रहे हैं. अब कहां जायेंगे. इसकी चिंता सता रही है. इधर, झामुमो नेता राजकुमार दास ने पीओ को दूरभाष पर अविलंब इन लोगों को पुनर्वास कराने की मांग की है. बगल के खाली पड़े कमरे में ये लोग रह रहे हैं. बताया जाता है कि यहां कई आवास पूरी तरह से जर्जर हैं. इस संबंध में कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि लगातार बारिश के कारण आवास गिरा गये हैं. आवास कच्चे थे. दोनों आवासो के लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था करायी जायेगी. उक्त जर्जर आवासों में नहीं रहने के लिए नोटिस चिपकाया जायेगा.
तेतुलमारी : जमाडा की 14 इंच की पाइप फटी, तीन दिन से जलापूर्ति प्रभावित
जमाडा की 14 इंच पाइप लाइन गया पुल पानी टंकी के समीप पाइप फट जाने से तीन दिनों से इलाके में जलापूर्ति ठप है. इससे प्रभावित तेतुलमारी नयामोड़, सिजुआ 10 नंबर जोगता आदि इलाके में जलापूर्ति नहीं हो रही है. पाइप फटने के तीन दिन बीत जाने के बावजूद अब तक विभाग द्वारा पाइप मरम्मत शुरू नहीं हुई है. सूत्र बताते हैं कि सोमवार को पाइप मरम्मत के लिए ठेकेदार पहुंचा परंतु क्षतिग्रस्त पाइप स्थल को खुदाई के लिए मशीन नहीं पहुंची, जिसके बाद सोमवार को कोई मरम्मत नहीं हो सकी. मामले में जमाडा एसडीओ मनोज कुमार ने कहा सोमवार को जल्द मरम्मत कराकर सुचारु रूप से जलापूर्ति शुरू करायी जायेगी.
दामोदर का जलस्तर बढ़ने से शैवाल से इंटेक वेल जाम
जोड़ापोखर. जमाडा जल संयंत्र केंद्र जामाडोबा स्थित दामोदर नदी में बारिश के बाद जलस्तर बढ़ गया है, जिससे झरिया-पुटकी क्षेत्र में जलापूर्ति प्रभावित हो गयी है. रविवार व सोमवार तक लगभग 8 लाख लोगों को पानी नहीं मिल सका. झरिया के लोगों ने बारिश का पानी संग्रह कर अपना कार्य किया. जमाडाकर्मियों का कहना है कि रविवार को दामोदर का नॉर्मल जलस्तर 454 आरएल था, जो बढ़कर 460 आरएल हो गया है. उसके कारण बहकर आयी जलकुंभी व शैवाल के कारण इंटेक वॉल्ब 6, 8, 9 पूरी तरह जाम हो गया है, जिससे जल भंडारण गृह 12 एवं 9 एमजीडी में भंडारण नहीं किया जा सका. इसके कारण झरिया एवं पुटकी क्षेत्रों में रविवार से ही जलापूर्ति ठप हो गयी है. इधर, जमाडा के कनीय अभियंता आशुतोष राणा ने बताया है कि दामोदर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बाहर से गोताखोरों को बुलाया गया है. जल्द ही इंटेक वॉल्ब की सफाई कर झरिया-पुटकी क्षेत्र में जलापूर्ति बहाल की जायेगी.
बस्ताकोला : लगातार वर्षा से परियोजनाओं में उत्पादन ठप
लगातार हो रही बारिश का असर बीसीसीएल के कोयला उत्पादन पर पड़ा है. उत्पादन स्थल पर जलजमाव हो गया है. कुसुंडा क्षेत्र की एना आउटसोर्सिंग द्वारा संचालित परियोजना आरके ट्रांसपोर्ट का तीन दिन से उत्पादन पूरी तरह से ठप है. आउटसोर्सिंग प्रबंधन ने सुरक्षा को देखते हुए कोयला व ओबी फेस में लगी सभी मशीनों को ऊपर सुरक्षित स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया गया है. करीब नौ हजार टन कोयला व 25 हजार क्यूबिक मीटर ओबी निकालने का काम पूरी तरह से ठप है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से बीसीसीएल प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मी कारी जोरिया के बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाये हुए हैं. वहीं बस्ताकोला आउटसोर्सिंग परियोजना में पिछले दो दिनों से उत्पादन शून्य है. बस्ताकोला पीओ एके शर्मा ने कहा कि करीब दस हजार टन कोयला व करीब पचास हजार क्यूबिक मीटर ओबी के उत्पादन का नुकसान हुआ है. राजापुर के परियोजना पदाधिकारी डी सिंह का कहना था कि परियोजना में उत्पादन में कमी आयी है. प्रतिदिन करीब 6 हजार टन कोयला का उत्पादन होता तो जो घटकर करीब 35 सौ टन रह गया है. वर्तमान में परियोजना से ओबी निकासी बंद है. धनसार विश्वकर्मा परियोजना विभागीय पैच के उत्पादन पर भी असर पड़ा है.
टुंडी में दिखने लगीं धान की बालियां
लगातार हुई बारिश के बाद किसानों का मन रोमांचित हो उठा है. नाउम्मीदी के बीच इस साल धनरोपनी हुई थी. लेकिन बीच-बीच हुई बारिश से फसल लहलहा रही है. टुंडी के चैनपुर गांव के पास खेतों में धान की बाली आना शुरू हो गया है.
जान हथेली पर लेकर पार कर रहे जोरिया
गोमो. बिशनपुर पंचायत सचिवालय के निकट जोरिया नाला में पानी के तेज बहाव के कारण डायवर्सन का कुछ भाग बह गया. डायवर्सन तीसरी बार बहा है. चारपहिया तथा दुपहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बाधित है. ग्रामीण जान हथेली पर लेकर जोरिया नाला पार कर रहे हैं.
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