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धनबाद कंप्यूटर घोटाल में कोयला खान भविष्य निधि संगठन के ज्वाइंट कमिश्नर गये जेल

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने उमेश प्रसाद कमल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उनको राहत नहीं मिली.

धनबाद में 74.13 लाख रुपये के घोटाले में आरोपित कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) के ज्वांइट कमिश्नर उमेश प्रसाद कमल की ओर से दायर जमानत याचिका सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने गुरुवार को खारिज कर दी. अदालत ने आरोपी अधिकारी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सीएमपीएफ के 26 रीजनल कार्यालयों में कंप्यूटर लगाने में यह घोटाला सामने आया था. इससे पूर्व जमानत याचिका पर बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी बहस पूरी की. बताते चलें कि 21 मार्च 2023 को झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने उमेश प्रसाद कमल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उनको राहत नहीं मिली.

इनके विरुद्ध दायर की थी चार्जशीट

सीबीआइ ने पांच जनवरी 2022 को सीएमपीएफ के ज्वांइट कमिश्नर उमेश प्रसाद कमल, गौतम दास गुप्ता व ओमनी इंफो वर्ड कंपनी के डायरेक्टर संजय झा के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी. सीबीआइ ने इनके खिलाफ सीएमपीएफ में हुई कंप्यूटर की खरीदारी में घोटाला करने का आरोप लगाया था. बता दें कि सीबीआइ द्वारा 29 नवंबर 2018 को आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था.

फर्जीवाड़ा मामले में बीएसएल के एरिया मैनेजर को जेल

बोकारो स्टील सिटी लिमिटेड के भंडारीदह के एरिया मैनेजर ओमप्रकाश तिवारी ने शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत याचिका दायर की. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बहस की. वहीं सीबीआइ के लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध किया. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सीबीआइ ने वर्ष 2013 में कुल 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था.

आरोपियों के खिलाफ फर्जी बिल तथा दस्तावेज के आधार पर बीएसएल को 13 लाख 29 हजार 29 रुपये का चूना लगाने का आरोप है. मामले के दो आरोपी कृपाराम साहू तथा रामइत्तर प्रसाद फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं, जबकि एक आरोपी रामनाथ सिंह की मृत्यु हो चुकी है. शेष पांच आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं. अदालत में यह मामला आरोपियों की उपस्थिति के लिए चल रहा है. तीन आरोपी फिलहाल अदालत में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. अदालत में आरोपियों की उपस्थिति के लिए उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है.

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