Jharkhand News: धनबाद के वासेपुर का रहने वाला होने के कारण सरकारी नौकरी मिली तो केरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी हुई थी, लेकिन अब परिस्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. यह कहना है रक्षा मंत्रालय (थल सेना) के गुणता आश्वासन निदेशालय में अधिकारी के रूप में कार्यरत फैजुल हक का. फैजुल अभी (डीजीक्वूए) में जेइक्यूए के रूप में कार्यरत हैं. फिलहाल, मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित केंद्र में पदस्थापित हैं. उनके दो अन्य भाई भी सरकारी मुलाजिम हैं.
फैजुल हक के बड़े भाई मो जियाउल हक अभी इसीएल मुख्यालय में वित्त विभाग में पदस्थापित हैं, जबकि छोटा भाई पश्चिम बंगाल सरकार के सिंचाई विभाग में पुरुलिया में कार्यरत हैं. उनके पिता मो सराजउल हक (दिवंगत) भी इसीएल के चापापुर में कार्यरत थे. तीनों भाइयों ने स्कूली शिक्षा आइएसएल भूली से की. इसके बाद कुछ ने यहीं से उच्च शिक्षा प्राप्त की. अपने साथियों के साथ मिल कर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी की. एक-एक कर तीनों भाई सरकारी नौकरी पाने में सफल भी रहे.
Also Read: Jharkhand News: बदल रहा वासेपुर, बारूद कारोबारी के डॉक्टर-इंजीनियर बेटों ने ऐसे पूरा किया पिता का सपनाफैजुल कहते हैं कि धनबाद जैसे स्थान पर रह कर प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता पाना आसान नहीं था. उस समय इंटरनेट की सुविधा भी नहीं थी. वर्ष 2011 में उनका चयन डीजीक्यूए में हुआ था. कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. पिता का भी सपना था कि बच्चे सरकारी मुलाजिम बनें. अपनी तरफ से सभी ने ईमानदार कोशिश की. परिणाम भी मिला. कहा कि एक समय था कि वासेपुर की छवि बहुत अच्छी नहीं थी. नौकरी मिलने के बाद कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी हुई थी. वासेपुर का एड्रेस होने से दूसरे अभ्यर्थियों के मुकाबले ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी. उनका घर वासेपुर के करीमगंज में है, लेकिन अब स्थितियां वैसी नहीं हैं. अब यहां के लोगों को खासकर प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होने वालों का भी आसानी से केरेक्टर सर्टिफिकेट बन जाता है.
Also Read: Jharkhand News: मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 5 बच्चियां दिल्ली से करायी गयीं मुक्त, ऐसे होगा पुनर्वासफैजुल हक कहते हैं कि पिछले एक दशक से ज्यादा समय से देश के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के दौरान वासेपुर को लेकर कोई परेशानी नहीं हुई. वासेपुर एक बड़ी आबादी वाला इलाका है. यहां प्रति वर्ष हजारों बच्चे हाईस्कूल पास कर रहे हैं. उन्हें बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के लिए जरूरी है कि वासेपुर में तकनीकी शिक्षण संस्थान खुले. साथ ही आईटी एवं बेहतर पुस्तकालय बने. यूपीएससी सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में मदद के लिए भी संस्थान खुले. इससे यहां के छात्रों एवं उनके अभिभावक दोनों को आर्थिक राहत मिलेगी. साथ ही समय की भी बचत होगी.
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