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झारखंड में 22 अधिकारियों व कर्मचारियों को आखिर क्यों किया गया शो-कॉज, पढ़िए ये रिपोर्ट

धनबाद (संजीव झा) : धनबाद के उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने जमीन के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने एवं म्यूटेशन में हेरा-फेरी मामले में धनबाद, बाघमारा, बलियापुर एवं गोविंदपुर के वर्तमान एवं पूर्व अंचलाधिकारियों (सीओ), धनबाद के सब-रजिस्टार एवं पूर्व सब-रजिस्टार सहित 22 अधिकारियों, कर्मियों को शो-कॉज किया गया है. सभी से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है.

धनबाद (संजीव झा) : धनबाद के उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने जमीन के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने एवं म्यूटेशन में हेरा-फेरी मामले में धनबाद, बाघमारा, बलियापुर एवं गोविंदपुर के वर्तमान एवं पूर्व अंचलाधिकारियों (सीओ), धनबाद के सब-रजिस्टार एवं पूर्व सब-रजिस्टार सहित 22 अधिकारियों, कर्मियों को शो-कॉज किया गया है. सभी से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है.

साइबर के जरिये ऑनलाइन दाखिल खारिज कर करोड़ों की अवैध कमाई करनेवालों के खिलाफ उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने सख्त कदम उठाया है. दाखिल खारिज एवं निबंधन में खाता एवं प्लॉट की उलटफेर करने के मामले में उपायुक्त ने धनबाद के अंचलाधिकारी प्रशांत लायक, पूर्व सीओ प्रकाश कुमार, बलियापुर के सीओ, गोविंदपुर की सीओ वंदना भारती, पूर्व सीओ अनिल कुमार एवं बाघमारा के सीओ राजेश कुमार, प्रमोद राम को शो-कॉज जारी किया है. साथ ही इन चारों अंचलों के अंचल निरीक्षक, जिला अवर निबंधक श्वेता कुमारी, पूर्व अवर निबंधक संतोष कुमार एवं कई हल्काकमियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इन अंचलों के कुछ कर्मियों से भी शो-कॉज किया गया है.

भाजपा नेता रमेश कुमार राही ने राजस्व, निबंधन तथा भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को तीन पत्र के माध्यम से दाखिल खारिज में गड़बड़ी के करीब डेढ़ सौ मामलों की शिकायत की थी. शिकायत पत्र में खाता प्लॉट बदल कर रजिस्ट्री व म्यूटेशन करने, सीएनटी एवं सरकारी भूमि का दाखिल खारिज करने और निबंधन में गड़बड़ी कर सरकार को राजस्व का चूना लगाने का आरोप है.

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राजस्व, निबंधन तथा भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव केके सोन ने उपायुक्त को अर्द्ध सरकारी पत्र लिखकर 21 दिनों में जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया था. उपायुक्त ने अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया. जांच के लिए अलग-अलग छह सब कमेटियां भी बनायी गयी हैं. जांच दल ने शिकायत पत्र में पहले पत्र की जांच कर करीब तीन दर्जन मामलों में गड़बड़ी मिलने का प्रतिवेदन उपायुक्त को सौंपा.

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जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई करते हुए उपायुक्त ने धनबाद, बलियापुर, गोविंदपुर, बाघमारा के वर्तमान एवं पूर्व अंचलाधिकारियों, अंचल निरीक्षकों, जिला अवर निबंधक एवं हल्काकमियों से जवाब मांगा है. उपायुक्त ने बताया कि जांच दल को त्रुटियां मिली हैं. त्रुटियों पर बिंदुवार स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया जांच में आरोपों को सही पाया गया है. संबंधित अधिकारियों, कर्मियों के जवाब के बाद कार्रवाई होगी. किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. दस दिनों के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट के साथ कार्रवाई के लिए अनुशंसा कर दी जायेगी.जांच टीम ने पाया कि कई ऐसे प्लॉट व खाता नंबर हैं, जो वास्तव में गैर आबाद, सरकारी खाता की जमीन हैं, लेकिन उन्हें रैयती बता कर पहले रजिस्ट्री और फिर म्यूटेशन कर दिया गया. सीएनटी खाता की जमीनों को भी गैर सीएनटी बता कर म्यूटेशन किया गया है. इस खेल में भू-माफिया भी शामिल थे. करोड़ों की डील हुई है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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