21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा: दुमका में बोले सालखन मुर्मू- मरांग बुरु की रक्षा आदिवासी अस्तित्व, पहचान की रक्षा

सालखन मुर्मू ने इस मुद्दे पर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है. कहा है कि जैन धर्म के लोगों ने हमारे ईश्वर को हड़प लिया है और झारखंड की सरकार ने इसे जैनियों को सौंप दिया है. मरांग बुरु आदिवासियों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना हिंदुओं के लिए अयोध्या का राम मंदिर.

पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू की ओर से शुरू किया गया मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा दुमका पहुंच गया है. रविवार को दुमका में सालखन मुर्मू ने कहा कि मरांग बुरु की रक्षा आदिवासी अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी की रक्षा है. उन्होंने कहा कि झारखंड के गिरिडीह जिला में स्थित पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों का ईश्वर है. मरांग बुरु है. इसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है.

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर भी सालखन ने बोला हमला

सालखन मुर्मू ने इस मुद्दे पर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है. कहा है कि जैन धर्म के लोगों ने हमारे ईश्वर को हड़प लिया है और झारखंड की सरकार ने इसे जैनियों को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने 5 जनवरी को भारत सरकार को एक चिट्ठी लिखकर जैन धर्म को मानने वाले लोगों को पारसनाथ पहाड़ को सौंप दिया है. इस सरकार ने आदिवासियों के पक्ष को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया.

सालखन बोले – हेमंत सोरेन सरकार ने आदिवासियों के साथ किया धोखा

सेंगेल अभियान के प्रमुख ने कहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने दुनिया भर के आदिवासियों के साथ बड़ा धोखा किया है. मरांग बुरु आदिवासियों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना हिंदुओं के लिए अयोध्या का राम मंदिर. उन्होंने कहा कि मरांग बुरु की रक्षा करना आदिवासी अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी की रक्षा करना है. इसलिए आदिवासी सेंगेल अभियान ने 17 जनवरी 2023 को जमशेदपुर से ‘मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा’ का आगाज किया.

Also Read: सालखन मुर्मू ने टाटा से किया मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा का आगाज, कहा- हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को धोखा दिया
मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा 23 जनवरी को गोड्डा में

मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा का नेतृत्व सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और केंद्रीय संजोजक सुमित्रा मुर्मू कर रहे हैं. ये लोग देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में जायेंगे और जनसभा करेंगे. आदिवासियों को जागरूक करेंगे. यह अभियान 28 फरवरी 2023 तक चलेगा. 23 जनवरी को यह यात्रा गोड्डा में पहुंचेगा.

मरांग बुरु को बचाना और सरना धर्म कोड लेने के लिए भारत यात्रा

सालखन मुर्मू का कहना है कि भारत यात्रा के दौरान मरांग बुरु को बचाने के साथ वर्ष 2023 में हर हाल में सरना धर्म कोड की मान्यता लेना है. इसके साथ कुड़मी को एसटी का दर्जा देने का पुरजोर विरोध किया जायेगा. झारखंड में प्रखंडवार नियोजन नीति लागू करने, देश के सभी पहाड़-पर्वतों को आदिवासियों को सौंपने की मांग करेंगे.

राष्ट्रपति को 14 जनवरी को लिखी गयी थी चिट्ठी

श्री मुर्मू ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 14 जनवरी 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक चिट्ठी लिखी गयी. चिट्ठी में इन तमाम मुद्दों की जानकारी महामहिम को दी गयी. 30 जनवरी 2023 को 5 प्रदेशों (झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, बिहार, असम) के 50 जिला मुख्यालयों पर मरांग बुरु बचाने, सरना धर्म कोड को मान्यता देने और अन्य आदिवासी मामलों की मांग के समर्थन में मशाल जुलूस निकाला जायेगा.

Also Read: रामगढ़ के गोला और मांडू पहुंचा मरांग बुरु बचाओ यात्रा, सालखन बोले- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का फैसला अमान्य
अल्पसंख्यक आयोग ने नहीं सुना आदिवासियों का पक्ष

सालखन मुर्मू ने कहा है कि 18 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग दिल्ली ने आदिवासियों का पक्ष सुने बिना पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्मावलंबियों का तीर्थस्थल घोषित कर दिया, जिसका सेंगेल विरोध करता है. उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रथम दावेदार हैं. रिकॉर्ड ऑफ राइट्स में आदिवासी लिखा हुआ है. वर्ष 1911 के प्रिवी काउंसिल, लंदन में ‘जैन बनाम संताल आदिवासी’ में दिया गया फैसला भी आदिवासी के पक्ष में है.

फरवरी में अनिश्चितकालीन रेल-रोड चक्का जाम करने की चेतावनी

आदिवासियों के ईश्वर मरांग बुरु अर्थात् पारसनाथ पहाड़ और सरना धर्म कोड के मामले में भारत सरकार ने 30 जनवरी 2023 तक सकारात्मक फैसला नहीं लिया, तो फरवरी 2023 में 5 प्रदेशों में कभी भी सेंगेल अनिश्चितकालीन रेल-रोड चक्का जाम कर देगा. उन्होंने कहा है कि आदिवासियों के मौलिक अधिकारों पर हमला हो रहा है. इसे भारत के आदिवासी बर्दाश्त नहीं कर सकते.

दिशोम गुरु और ईसाई गुरु के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन

सालखन मुर्मू ने दिशोम गुरु और ईसाई गुरु के खिलाफ भी अपना विरोध और आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों और उनके अंध भक्तों ने अब तक आदिवासियों की हासा, भाषा, जाति, धर्म, रोजगार आदि को बचाने के लिए कुछ नहीं किया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें