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श्रावणी मेला : बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में 45 हजार कांवरियों ने किया जलाभिषेक

बाबा बासुुकिनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए लगातार देश के कोने-कोने से भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. आज भी बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में 45 हजार से अधिक कांवरियों ने जलाभिषेक किया. पूरा मंदिर परिसर भगवा रंग में रंगा नजर आ रहा है.

बासुकिनाथ, आदित्यनाथ पत्रलेख : दुमका जिले के बासुकिनाथ में श्रावण मास में हर साल आयोजित होने वाले राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2023 के 12वें दिन शनिवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में दिन भर कांवरियों का तांता लगा रहा. शिव की भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा-भाव से बाबा बासुकिनाथ का जलाभिषेक किया. श्रावण मास में बासुकिनाथ की रौनक देखते ही बन रही है. तीन बजे भोर से ही मंदिर प्रांगण में कांवरियों की कतार लग जाती है. बोल बम के जयकारे से मंदिर परिसर गुंजायमान हो जाता है.

सरकारी पूजा के बाद खुल जाता है बासुकिनाथ का पट

शनिवार को सरकारी पूजा के बाद गर्भ गृह का पट खोल दिया जाता है. कांवरिये जलार्पण करना शुरू कर देते हैं. शिवगंगा घाट व मेला परिसर भी दिन भर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 45 हजार कांवरियों ने आज बाबा बासुकिनाथ का जल से अभिषेक किया. कतारबद्ध होकर महिला व पुरुष कांवरियों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप होते हुए शिवगंगा पीड़ तक पहुंच गयी थी.

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पसीने से तर-बतर होकर नाच-गा रहे थे बाबा के भक्त

उमस भरी गर्मी और धूप-छांव के बीच शिवभक्त कांवरिया मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ की भक्ति में पसीने से तर बतर होकर नाच-गा रहे थे. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गुंजायमान रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 6 हजार कांवरियों ने जलार्पण काउंटर में जल डाला. श्रद्धालुओं ने एलईडी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का दर्शन करते हुए काउंटर पर गंगाजल अर्पित किया. काउंटर से गंगाजल पाइप लाइन द्वारा गर्भगृह में सीधे बाबा के शिवलिंग पर गिरता है. ऐसी व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गयी है.

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11,61,228 रुपये की मंदिर को हुई आमदनी

शिव मंदिर न्यास समिति को मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 1,20,280 रुपये नगद, मंदिर गर्भगृह गोलक से 42,340 रुपये एवं गोलक से चांदी 135 ग्राम प्राप्त हुए. अन्य स्रोतों से 11 हजार 308 रुपये प्राप्त हुए. मंदिर गर्भगृह गोलक से निकली राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी की निगरानी में अधिकारियों के सामने की गयी. वहीं 10 ग्राम चांदी के पांच सिक्के एवं पांच ग्राम चांदी के सात सिक्के की बिक्री हुई. कांवरिया प्रसाद स्वरूप सोने एवं चांदी के सिक्के की खरीदारी मंदिर कार्यालय से करते हैं. मंदिर में चढ़ावा में आनेवाले सोने एवं चांदी के सिक्कों को मंदिर की ओर से बेच दिया जाता है.

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3,291 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनम

शीघ्रदर्शनम की व्यवस्था के तहत शनिवार को 3,291 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ के दर्शन किये. इसके तहत मंदिर में जाने का अवसर तो नहीं मिलता, लेकिन भक्त सुलभ जलार्पण कर पाते हैं. इस व्यवस्था के तहत मंदिर न्यास समिति को 9 लाख 87 हजार 300 रुपये की आमदनी हुई. शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत कांवरियों ने मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का टोकन कटवाकर सिंह द्वार से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराया जाता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर सुलभ जलार्पण करते हैं. मंदिर प्रबंधन की इस व्यवस्था से कांवरिया खुश है.

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मेला क्षेत्र में है तीसरी आंख की नजर

मंदिर व इसके आसपास 500 सीसीटीवी की मदद से अधिकारी मेला क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं. मंदिर प्रशासनिक भवन के कंट्रोल रूम से सीसीटीवी की मदद से मंदिर व मेला क्षेत्र की प्रत्येक गतिविधियों पर वरीय अधिकारी नजर रखे हुए है. शनिवार को डीएसपी श्रीराम शामद कंट्रोल रूम से सीसीटीवी की मदद से मंदिर व मेला क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर बनाये रखा. डीएसपी की देख-रेख में श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ का जलाभिषेक किया.

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इस बार दो माह तक चलेगा श्रावणी मेला

उल्लेखनीय है कि झारखंड के देवघर और बासुकिनाथ में हर साल एक महीने का श्रावण मेला लगता है. लेकिन, इस बार मलमास यानी अधिकमास होने की वजह से श्रावणी मेला दो माह (59 दिन) तक चलेगा. इस वर्ष चार जुलाई को श्रावणी मेला का आरंभ हुआ था. दुम्मा में झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने तीन जुलाई को विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला का उद्घाटन किया था. इसके पहले से ही बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर कांवरियों का बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर और बाबा फौजदारीनाथ की नगरी बासुकिनाथ में आना शुरू हो गया था.

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