Career Tips: फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने अब तक 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं, जो देश के किसी भी अन्य क्षेत्र से सबसे ज्यादा हैं. गूगल और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की हाल में जारी थिंक मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, ऑटो सेक्टर का मार्केट कैप 2030 तक 600 बिलियन डॉलर से ज्यादा का हो जायेगा. यह आंकड़े बताते हैं कि ऑटो सेक्टर बेहतरीन संभावनाओं से भरा करियर क्षेत्र है. खासतौर पर कार डिजाइनरों या ऑटोमोटिव डिजाइनरों के लिए इस इंडस्ट्री में कई रोमांचक और संतुष्टिदायक अवसर मौजूद हैं. बतौर ऑटोमोटिव डिजाइनर आगे बढ़ने के लिए रचनात्मकता, तकनीकी कौशल और मार्केट का ज्ञान जरूरी है. इसके साथ ही जरूरी है कि आप पीसीएम स्ट्रीम के साथ बारहवीं की पढ़ाई कर रहे हों.
भारत में कार डिजाइनर कैसे बनें ?
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में ऑटो सेक्टर में 9.8 फीसदी की बढ़त हुई है. इस साल का टर्नओवर 6.14 लाख करोड़ रुपये (74.1 बिलियन डॉलर) रहा है. भारत में ऑटोमोटिव डिजाइनर बनना बारहवीं के उन छात्रों के लिए एक समृद्ध करियर हो सकता है, जो फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स स्ट्रीम से पढ़ाई कर रहे हैं. आप अगर कारों से प्यार करते हैं और ऑटोमोटिव डिजाइनर के रूप में करियर बनाना चाहते हैं, तो बारहवीं के बाद इसके लिए स्वयं को तैयार कर सकते हैं. ऑटोमोटिव डिजाइनर कारों, ट्रकों समेत अन्य वाहनों को बाहर व भीतर से डिजाइन एवं निर्माण करते हैं. आप अगर इस कार्यक्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो बेहतरीन संभावनाओं से भरे इस करियर का रुख कर सकते हैं.
क्या करते हैं ऑटोमोटिव डिजाइनर ?
ऑटोमोटिव डिजाइनर डिजाइन के सिद्धांतों, इंजीनियरिंग और बाजार के रुझानों पर केंद्रित अपने ज्ञान का रचनात्मक तरीके से उपयोग कर ऑटोमोबाइल डिजाइन की अवधारणा पर काम करते हैं. वे स्केच, डिजिटल रेंडरिंग और 3डी मॉडल विकसित करने के लिए इंजीनियरों और अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर तकनीकी विशिष्टताओं, सुरक्षा नियमों और मैन्युफैक्चरिंग में आने वाली बाधाओं पर काम करते हैं. ऑटोमोटिव डिजाइनर मौजूदा डिजाइन यांत्रिकी में सुधार करने, मार्केट के अपडेट ट्रेंड्स के अनुसार वाहन की शैली पर काम करने एवं आराम से संबंधित उपभोक्ता मांगों और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए अपनी रचनात्मकता का उपयोग करते हैं. वाहन के इंटीरियर, एक्सटीरियर या ट्रिम काम करना इनके कार्य का एक अहम हिस्सा है.
ऐसे दें इस क्षेत्र में करियर को रफ्तार
पहले तो जरूरी है कि आप ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और कार डिजाइन के प्रति अपने जुनून को पहचानें और इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार मॉडलों, उनकी विशेषताओं और ऑटोमोबाइल डिजाइन के नवीनतम रुझानों का अध्ययन करने में समय व्यतीत करें. अपने ड्राइंग कौशल को बढ़ाने के लिए किसी व्हीकल या कार का स्केच बनाएं और इस इंडस्ट्री के बारे में जानने के लिए ऑटोमोबाइल शो और कार्यक्रमों में भाग लें. अब बात करते हैं कोर्स या डिग्री प्रोग्राम की, जो आपके लिए इस इंडस्ट्री में प्रवेश का रास्ता बनायेंगे. बारहवीं के बाद आपको इंडस्ट्रियल डिजाइन या ऑटोमोटिव अथवा ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग या ऑटोमोटिव डिजाइन एंड इलेक्ट्रिकल व्हीकल में बैचलर डिग्री हासिल करनी होगी. यह अंडर ग्रेजुएट कोर्स आपको एक ऑटोमोटिव डिजाइनर के रूप में आवश्यक सभी ज्ञान और कौशल से लैस करेगा. इसमे प्रवेश की राह जेइइ मेन, जेइइ एडवांस/ अंडर ग्रेजुएट कॉमन एंट्रेंस एग्जाम फॉर डिजाइन (यूसीड) जैसी परीक्षाओं से बनेगी. इसके बाद इन विषयों में एमई या एमटेक करके आप अपने करियर को और मजबूती दे सकते हैं. इस कार्यक्षेत्र में काम करने के लिए जरूरी है कि आप डिजाइन के सिद्धांतों, इंजीनियरिंग और मटेरियल साइंस में एक मजबूत आधार विकसित करने पर ध्यान दें.
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में हैं बेहतरीन मौके
दुनिया भर में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री लगातार नये नवाचारों से गुजर रही है और भारत की जीडीपी में यह इंडस्ट्री 7.1 प्रतिशत का योगदान देती है. डिग्री पूरी करने के बाद आपके सामने संभावनाओं से भरा एक बड़ा कार्यक्षेत्र होगा. ऑटोमोटिव इंजीनियर किसी भी श्रेणी जैसे ट्रक, कार, मोटरबाइक आदि वाहनों के डिजाइन, निर्माण, विपणन, वितरण और बिक्री की प्रक्रिया में शामिल होते हैं. उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक वाहनों के एस्थेटिक्स और टेक्निकल प्रदर्शन पर काम करना है. भारत में टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, महिंद्रा, होंडा, हुंडई समेत कई कंपनियां के डिजाइन सेंटर हैं, जो इस कार्यक्षेत्र के पेशेवरों को जॉब के बेहतरीन मौके देते हैं. इस क्षेत्र के जॉब प्रोफाइल में डिजाइन इंजीनियर, प्रोडक्शन इंजीनियर, प्रोडक्ट डिजाइनर और कैड टेक्नीशियन से लेकर कॉन्सेप्चुअल डिजाइनर तक शामिल हैं. इसके साथ ही आप इसमें ऑटोमोबाइल एक्सटीरियर डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइनर, सीएमएफ डिजाइनर, डिजाइन मैनेजर, ऐसेसरी डिजाइनर, यूएक्स डिजाइनर आदि के तौर पर करियर बना सकते हैं.
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