पशुओं या जानवरों से हर किसी को लगाव होता है, लेकिन पशुओं के ईलाज के लिए भी अनेकों ऐसे डॉक्टर हैं, जो पशुओं का ईलाज कर अच्छे पैसे कमाते हैं. पशु चिकित्सक एक पेशेवर होता है. जो पशुओं के स्वास्थय का जांच करता है. जानवरों में अलग-अलग आंतरिक अंग और कार्य होते हैं, जिसके लिए चिकित्सक से जांच करवाना पड़ता है. पशुओं के ईलाज के लिए चिकित्सक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
पशु चिकित्सक बनने की जानकारी
अगर आप भी जानवरों के ईलाज के लिए आगे आना चाहते हैं, और उनके बिमारियों का ईलाज करना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें. इस लेख के माध्यम से पशु चिकित्सक बनने की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे. पशु चिकित्सा पेशेवर टीके लगाकर और पशुओं के पोषण और समग्र स्वास्थ्य पर सलाह देकर बीमारी को रोकने का काम करते हैं. उनका ज्ञान घरेलू पशुओं से परे है, और इसमें पशुधन, वन्यजीव और विदेशी जानवर शामिल हैं. जो लोग जानवरों से प्यार करते हैं और उनकी बीमारियों, चोटों और रोगों का इलाज करना चाहते हैं, उन्हें पशु चिकित्सक के रूप में अपना करियर अवश्य चुनना चाहिए.
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भूमिका
Veterinary Doctor : एक पशु चिकित्सक की भूमिका यह होती है की वह पशुओं की बिमारियों का उपचार करे. पशुओं का पालन- पोशन कैसे हो इस बारे में पशु मालिक को मार्ग प्रदान करे. पशु चिकित्सक बनने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को पशु चिकित्सा विज्ञान पाठ्यक्रम में दाखिला लेना आवश्यक है.
- पशु चिकित्सक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यह होती है कि वो पशुओं के सम्पूर्ण शरीर की जांच करते हैं. जिससे पशुओं में किसी भी अनियमितता की पहचान करने में मदद मिलती है.
- पशु चिकित्सक नियमित सर्जरी करते हैं, जैसे कि बन्ध्याकरण, बधियाकरण, दंत प्रक्रियाएं, तथा सामूहिक निष्कासन, तथा रोगियों की सुरक्षा आदि.
- वे अस्पताल में भर्ती पशुओं की जांच करते हैं, मेडिकल रिकॉर्ड को अंतिम रूप देते हैं, तथा प्रशासनिक कार्यों में भी संलग्न होते हैं. आदि.
वेटरिनेरीअन के प्रकार
वेटरनरी साइंस कोर्स के बारे में जानने से पहले आपके लिए ये जानना आवश्यक है कि वेटरिनेरीअन के प्रकार कितने है इससे आपको इस क्षेत्र की अच्छी जानकारी मिल पाएगी.
साथी पशु वेटरिनेरीअन – साथी पशु का अर्थ होता है- पालतू जानवर जैसे- कुत्तें, बिल्लियां, पक्षि आदि.
खाद्य पशु वेटरिनेरीअन- खाद्य पशु का अर्थ होता है- खेत में रहने वाले पशु जैसे भेड़ और सुअर आदि.
खाद्य सुरक्षा और निरीक्षण वेटरिनेरीअन- खाद्य सुरक्षा और निरीक्षण वेटरिनेरीअन जानवरों और मनुष्यों के बीच फैलने वाले रोगो की रोकथाम के लिए कार्य करते हैं.
घोडे़ के वेटरिनेरीअन– घोड़ों के बिमारियों का ईलाज करना.
रिसर्च वेटरिनेरीअन- नई निदान और शल्य चिकित्सा तकनीकों को खोजने के लिए रिसर्च करते हैं.
योग्यता
Veterinary Doctor : अगर आप वेटरिनरी डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविधालय से पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है. साथ किसी केंद्र या सम्बन्धित राज्य के राज्य पशु चिकित्सा परिषद या भारतीय पशु चिकित्सा के साथ पंजीकृत पशु चिकित्सक होना आवश्यक है.
आयु सीमा- वेटरिनरी डॉक्टर बनने के लिए उम्र सीमा 21 वर्ष से 35 वर्ष के बीच होना चाहिए. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा के नियमानुसार छूट दी जाती है.
चयन प्रक्रिया
वेटरिनरी डॉक्टर बनने के लिए उम्मीदवारों का चयन शैक्षणिक और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. यदि अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन होता है.
पशु चिकित्सक के प्रमुख संस्थान
- दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
- इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूटस कोलकाता
- मद्रास वेटरनरी कॉलेज, चेन्नई.
- नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल
- पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, उ.प्र
- इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बरेली यूपी
- बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना.
वेतन
अगर आप सरकारी पशु डॉक्टर बन जाते हैं तो शुरुआती दौर में सैलरी 20 से 30 हजार रुपए प्रतिमाह तक हो सकती है. वहीं जैसे- जैसे अनुभवी होत जाते हैं उसके बाद सैलरी और भी बढ़ने लगती है. वहीं अगर किसी निजी क्षेत्र में जॉब या बिज़नेस किया तो अच्छा खासी कमाई की जा सकती है.