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Career in Organic Farming : ऑर्गेनिक फार्मिंग में अच्छी हैं संभावनाएं   

रसायन मुक्त खाद्य पदार्थों की मांग में आये दिन हो रही वृद्धि के चलते ऑर्गेनिक फार्मिंग युवाओं के लिए संभावनाओं भरा क्षेत्र बन कर उभर रहा है. यदि आप भी खेती में रुचि रखते हैं, तो ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की प्रक्रिया का अध्ययन कर उज्जवल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.

Career in Organic Farming : ऑर्गेनिक फार्मिंग खेती की वह प्रक्रिया है, जिसमें नुकसानदेह कीटनाशकों का प्रयोग किये बगैर स्वच्छ व पौष्टिक फलों, सब्जियां और अन्न को उगाया जाता है. आम तौर पर खेती के दौरान कीटनाशकों का प्रयोग करने से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता प्रभावित होती है. साथ ही जमीन का उपजाऊपन भी खत्म होने लगता है. ऐसे में ऑर्गेनिक खेती से आप पौष्टिक खाद्य पदार्थों को उगाने के साथ-साथ जमीन को बंजर होने से भी बचा सकते हैं. इसमें सिंथेटिक खाद, कीटनाशक आदि जैसी चीजों के बजाय ऑर्गेनिक चीजों जैसे गोबर, वर्मी कंपोस्ट, बायोफर्टिलाइजर्स, क्रॉप रोटेशन तकनीक आदि का इस्तेमाल किया जाता है.

फसलों का ज्ञान है जरूरी  

ऑर्गेनिक फार्मिंग में करियर बनाने के लिए आपको मिट्टी और फसलों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है. कौन-सी फसल, किस मौसम में लगायी जाती है, किस फसल को कितने पानी की जरूरत होती है आदि जानकारी आपको होनी चाहिए. इसके लिए आप भारत के विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित किये जानेवाले ऑर्गेनिक फार्मिंग के डिग्री या डिप्लोमा कोर्सेज का रुख कर सकते हैं. 

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पूरी प्लानिंग के साथ करें शुरुआत 

बेहतर होगा कि ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत करने से पहले आप अपने प्रोजेक्ट की पूरी प्लानिंग कर लें. यह तय करें आप कितनी जमीन पर खेती करेंगे, जमीन पर किस फसल की खेती करना ठीक रहेगा, आपका बजट कितना होगा आदि. ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के लिए यदि आपके पास खुद की जमीन नहीं है, तो आप छोटी जमीन किराये पर लेकर भी काम शुरू कर सकते हैं. वहीं काम बढ़ने पर ज्यादा जगह लेकर खेती को फैला सकते हैं. 

ले सकते हैं सरकार की मदद 

ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए हर राज्य में सरकार द्वारा 80 से 90 फीसद तक सब्सिडी दी जा रही है. आप अपने प्रोजेक्ट के लिए सरकारी सहयोग भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज भर हाेंगे और उन्हें आवेदन शुल्क के साथ अपने राज्य के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन में जमा करना होगा. कृषि वैज्ञानिक आपकी जमीन की जांच करेंगे और यह तय करेंगे कि इसकी मिट्टी किस फसल की खेती के लिए उपयुक्त है, फिर आपका प्रोजेक्ट कृषि विभाग में पास होने के लिए भेज दिया जायेगा. प्रोजेक्ट पास होने के बाद ऑर्गेनिक फार्मिंग टेक्नीक कंपनियां सेटअप लगाने के लिए आपसे संपर्क करेंगी. सरकार से मिले पैसों से ये कंपनियां आपकी जमीन पर ग्रीन हाउस और ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए सेटअप लगायेंगी और आपको ट्रेनिंग भी देंगी. 

अनुभव के साथ बढ़ेगा सफलता का ग्राफ

ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की शुरुआत में आपको खेती से जुड़े अनुभवों की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में आप किसी किसान की मदद से सकते हैं. वक्त के साथ आपको खेती की बारीकी खुद-ब-खुद पता चलने लगेगी. जैसे-जैसे खेती के लेकर आपका ज्ञान व अनुभव बढ‍़ेगा आपके लिए आगे बढ़ने के रास्ते भी खुलते जायेंगे. कुछ वर्षों की मेहनत के बाद आप अच्छी कमाई के साथ अपनी अलग पहचान बना सकेंगे.  

इन संस्थानों से कर सकते हैं पढ़ाई

  • नेशनल सेंटर ऑफ ऑर्गेनिक फार्मिंग.   
  • इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी.  
  • इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च 
  • कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, हरियाणा. 
  • पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी. 

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