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DU Admissions 2023: दिल्ली विश्वविद्यालय ने आवेदनों के लिए दो दिवसीय विंडो की घोषणा की, जानें आखिरी तिथि

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने आज 17 अगस्त को घोषणा की कि विश्वविद्यालय नए आवेदकों के लिए मध्य प्रवेश के प्रावधान के लिए दो दिन की विंडो खोल रहा है. जिसके माध्यम से छात्र डीयू में आवेदन कर पाएंगे.

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने आज 17 अगस्त को घोषणा की कि विश्वविद्यालय नए आवेदकों के लिए मध्य प्रवेश के प्रावधान के लिए दो दिन की विंडो खोल रहा है. जिसके माध्यम से छात्र डीयू में आवेदन कर पाएंगे. यह मध्य-प्रवेश आज शाम 5 बजे से 19 अगस्त की शाम 4:59 बजे तक खुली रहेगी. मध्य-प्रवेश के इस प्रावधान के माध्यम से, जो उम्मीदवार या तो सीएसएएस चरण – 1 के लिए आवेदन करने में असफल रहे या चरण 2 को पूरा नहीं कर सके, वे सीएसएएस के तीसरे दौर में भाग ले सकेंगे. इसके अतिरिक्त, वे अभ्यर्थी जो गलत विषय मैपिंग के कारण डीयू में सम्मलीत होने से वंचित हो वंचित हो गए थे, वे भी मध्य प्रवेश के प्रावधान के माध्यम से अपने विषय मैपिंग को सही करने और चरण को पूरा करने में सक्षम होंगे. ऐसे सभी उम्मीदवारों को सीएसएएस (यूजी 2023-2024) के तीसरे दौर में आवंटन के लिए तभी विचार किया जाएगा, जब वे मध्य-प्रवेश विंडो के माध्यम से आवेदन पत्र पूरी तरह से भरने में सक्षम हो पाएंगे.

10 अगस्त को दूसरी सीट आवंटन सूची जारी

बता दें कि विश्वविद्यालय ने 10 अगस्त को दूसरी सीट आवंटन सूची जारी की थी. जिन छात्रों ने विश्वविद्यालय में आवेदन किया है, वे आधिकारिक वेबसाइट – admission.uod.ac.in. पर अपनी सूची देख सकते हैं. दूसरे चरण में कुल 19038 छात्र आवंटन किये गये. इनमें से 10,104 अभ्यर्थियों को उनकी अपग्रेड च्वाइस मिल गई है. पहले दौर के बाद कुल 34,174 उम्मीदवारों ने अपग्रेड का विकल्प चुना और 32,600 ने अपना पिछला आवंटन बरकरार रखा है.

देश के आधा से अधिक छात्रों की पसंद है डीयू

नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की एक छोटी रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष कई बच्चे अपने घर से बाहर अपने आगे की पढ़ाई के लिए जाते हैं. हर वर्ष लगभग 50 लाख बच्चें अपने घर से निकलते हैं, जिसमें से आधा से ज्यादा बच्चे दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई को पूरा करना चाहते हैं, मगर यहां सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित करने वाली बात ये है कि अपने राज्य के कॉलेजों की तुलना में ये दिल्ली यूनिवर्सिटी को पसंद करते है एनआईआरएफ 2023 में 9वें स्थान पर रहे किरोड़ीमल कॉलेज के छात्र अमित कुमार ने डीयू के लिए अपनी विचार को व्यक्त करटीए हुए कहा राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षा की क्षमता और गुणवत्ता की कमी है उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाओं, तकनीकी संसाधनों, अनुसंधान सुविधाओं और पुरानी शिक्षण विधियों की कमी पर प्रकाश डाला, जो बदलते नौकरी बाजारों की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल हैं.

राज्य विश्वविद्यालयों की तुलना में अधिक सीटें देता है

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के अभिषेक यादव अच्छी शिक्षा की तलाश में 900 किलोमीटर की यात्रा करके डीयू पहुंचे वह इस बात पर जोर देते हैं कि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते डीयू राज्य विश्वविद्यालयों की तुलना में अधिक संख्या में सीटें प्रदान करता है. एनआईआरएफ 2023 में दूसरे स्थान पर रहे हिंदू कॉलेज में स्नातक के लिए 3,229 और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए 627 छात्रों का पलायन हुआ. इसी तरह, नंबर 1 स्थान पर रहे मिरांडा हाउस में 4,038 छात्र तीन साल के स्नातक पाठ्यक्रम के लिए और 519 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए अन्य राज्यों से पलायन कर रहे थे.

मेट्रो शहरों में नौकरी करती है छात्रों को डीयू की ओर आकर्षित

मेट्रो शहरों में नौकरी की संभावनाएं भी छात्रों को डीयू की ओर आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. दिल्ली का प्रतिस्पर्धी माहौल रोजगार के असंख्य अवसर प्रदान करता है. छात्रों का मानना ​​है कि दिल्ली में रहने से अच्छे पैकेज के साथ अच्छी नौकरियां हासिल करने की उनकी संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, देश भर के छात्र महानगरों के नजदीक ऐसे संस्थानों, कॉलेजों या विश्वविद्यालयों को पसंद करते हैं जो तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हैं. शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की उपलब्धता, रोजगार के अवसर और एक संपन्न स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ऐसे संस्थानों की अपील में योगदान करते हैं. प्रो. गुप्ता आगे बताते हैं कि जबकि चिकित्सा, कानून और इंजीनियरिंग जैसे कुछ क्षेत्र एक पदानुक्रम का पालन करते हैं, एक कला विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा अधिक महत्व रखती है श्री वेंकटेश्वर कॉलेज के छात्र अदितन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दक्षिण भारत में कई लोग डॉक्टर, इंजीनियर बनने या कॉर्पोरेट नौकरियों में प्रवेश करने की इच्छा रखते हैं.

दिल्ली यूपीएससी की तैयारी के लिए बनाता है अनुकूल वातावरण

उत्तर भारत, विशेष रूप से दिल्ली, यूपीएससी की तैयारी के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है और यहां प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान हैं कुछ लोग इस अंतर-राज्य प्रवास को आंतरिक प्रतिभा पलायन के रूप में देखते हैं जो मूल राज्य के बजाय मेजबान राज्य की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. माता-पिता यह जानकर अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा और प्रोफेशनल कौशल प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उनकी नौकरी के बेहतर अवसर और जीवन स्तर में सुधार हो रहा है दिल्ली में मुद्रास्फीति और उच्च जीवन व्यय जैसी खामियों के बावजूद, डीयू के पॉलिटिकल साइंस विभाग के दूसरे वर्ष के छात्र अपने घर में सीमित संभावनाओं के कारण दृढ़ रहने का दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं कई लोगों का मानना है कि अगर आप बाहर से पढ़ाई करते हैं तो आपकी अच्छी जगह नौकरी लगने की उम्मीद बढ़ जाती है और आगे चल के वो अच्छा जीवन व्यतीत करते हैं साथ ही साथ उनको बाहर के दुनिया को भी देखने का मौका मिल जाता है.

रिपोर्ट- वैभव विक्रम

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