DUSU Election: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव शुक्रवार को होगा. लेकिन शनिवार को होने वाली मतगणना पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाने का आदेश दिया है. गुरुवार को सार्वजनिक संपत्तियों को गंदा करने वाले उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि छात्रसंघ का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने सार्वजनिक संपत्ति को व्यापक पैमाने पर गंदा करने का काम किया है और जब तक इन संपत्तियों की सफाई नहीं हो जाती मतगणना पर रोक जारी रहेगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश तुषार राव गेडेला की पीठ ने चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी और मतदान तय समय पर होगा. लेकिन जब तक अदालत इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाती है कि सार्वजनिक संपत्तियों को पहले की तरह साफ कर दिया है, तब तक मतगणना पर रोक रहेगी. वकील प्रशांत मनचंदा के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने एक याचिका दाखिल कर छात्रसंघ चुनाव को रद्द करने की मांग की थी. गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने पीठ को कहा कि बुधवार को सार्वजनिक संपत्तियों की सफाई के मामले पर एक आपात बैठक बुलाई गयी थी, जिसमें चुनाव लड़ रहे कुल 21 में से 16 उम्मीदवार मौजूद थे. इस दौरान सभी उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति पर पोस्टर, होर्डिंग लगाने के मामले में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा लिंगदोह कमेटी की हुई है अवहेलना
सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने माना है छात्रसंघ चुनाव के दौरान लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की अवहेलना हुई है. लेकिन अब चुनाव को रद्द करना सही नहीं होगा क्योंकि इसके लिए प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है. विश्वविद्यालय के वकील ने कहा कि मतदान की बजाय मतगणना को स्थगित किया जा सकता है, जब तक सार्वजनिक संपत्ति को पहले की तरह साफ नहीं कर दिया जाता है. गौरतलब है कि बुधवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने छात्रसंघ चुनाव में पैसे के इस्तेमाल पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा था छात्रों को शुरू में ही भ्रष्ट बनाने की कोशिश हो रही है. ऐसा लगता है कि छात्रसंघ चुनाव में करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. ऐसे में सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने वालों से ही इसे साफ करने का पैसा वसूला जाना चाहिए. लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव में एक उम्मीदवार को पांच हजार रुपये खर्च करने की इजाजत है.
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