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Goa Revolution Day 2024: देश की आजादी के 14 साल बाद तक गुलाम था गोवा, ऐसे मिली फ्रीडम

Goa Revolution Day 2024: 18 जून, 1946 को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने गोवा के लोगों को एकजुट होने और पुर्तग़ाली शासन के खिलाफ लड़ने का संदेश दिया था. 18 जून को हुई इस क्रांति के जोशीले भाषण ने आजदी की लड़ाई को मजबूत किया और आगे बढ़ाया। गोवा की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला.

Goa Revolution Day 2024: गोवा क्रांति दिवस राज्य के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है और इसे हर साल 18 जून को मनाया जाता है. 1946 में इसी दिन इस क्षेत्र के लोगों ने पुर्तगालियों से अपनी मातृभूमि वापस लेने के लिए एक व्यापक क्रांति शुरू की थी, जिसकी परिणति 19 दिसंबर, 1961 को पुर्तगाली शासन से क्षेत्र की स्वतंत्रता के रूप में हुई, लेकिन यह सही मायनों में स्वतंत्रता नहीं थी. गोवा को 21वीं सदी में अपने वर्तमान शासन की स्थिति से निपटने के लिए वास्तव में एक और क्रांति की आवश्यकता है.

‘क्रांति दिवस’ के नाम से भी मशहूर गोवा क्रांति दिवस गोवा की मुक्ति के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता और बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है.

Goa Revolution Day 2024: इसकी शुरुआत कैसे हुई?

गोवा क्रांति की शुरुआत 18 जून, 1946 को डॉ. राम मनोहर लोहिया और डॉ. जूलियो मेनेजेस द्वारा मडगांव में पुर्तगाली शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन से हुई थी.

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Goa Revolution Day 2024: जानें लोहिया और मेनेजेस के बारे में

मेनेजेस का जन्म असोलना में हुआ था और उन्होंने 1920 के दशक में चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए बर्लिन विश्वविद्यालय जाने से पहले गोवा में पढ़ाई की थी. उत्तर प्रदेश के अकबरपुर के रहने वाले लोहिया से उनकी मुलाकात विश्वविद्यालय में हुई थी. दोनों ने बर्लिन में भारतीय छात्र संघ में सक्रिय रूप से भाग लिया. लोहिया 1933 में पीएचडी करने के बाद भारत लौट आए, जबकि मेनेजेस 1938 में एमडी करने के बाद वापस लौटे.

दोनों एक-दूसरे से जुड़े रहे और कहा जाता है कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब लोहिया भूमिगत हो गए थे, तो मेनेजेस ने उन्हें शरण दी थी.

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