Mangal Pandey Birth Anniversary 2024, Mangal Pandey Quotes in hindi: मंगल पांडे एक बहादुर भारतीय सैनिक थे जिनका जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गाँव में हुआ था, उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारतीय विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में भी जाना जाता है. 29 मार्च 1857 को ब्रिटिश अधिकारियों पर उनका हमला, भारतीय विद्रोह के रूप में जानी जाने वाली पहली बड़ी घटना थी.
जानें कौन थे मंगल पांडे
बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की 34वीं रेजिमेंट में सिपाही के रूप में सेवा करने वाले मंगल पांडे ‘सिपाही विद्रोह’ या ‘स्वतंत्रता के पहले युद्ध’ के सबसे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे. उन्हें “शहीद मंगल पांडे” के नाम से भी जाना जाता है, वे भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्हें अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था.
क्या थी एनफील्ड राइफल वाली घटना
ऐसा माना जाता है कि बैरकपुर में रहते हुए अंग्रेजों ने एक नए प्रकार की एनफील्ड राइफल पेश की थी, जिसमें हथियार लोड करने के लिए सैनिकों को कारतूस के सिरे को काटना पड़ता था. एक अफवाह फैली कि कारतूस में इस्तेमाल किया जाने वाला चिकनाई वाला पदार्थ गाय या सूअर की चर्बी है, जो हिंदुओं और मुसलमानों दोनों की धार्मिक मान्यताओं के विपरीत था. कारतूस में इसके इस्तेमाल से सिपाही भड़क गए.
29 मार्च, 1857 को पांडे ने अपने साथी सिपाहियों को अंग्रेजों के खिलाफ़ उठने के लिए उकसाने की कोशिश की. उन्होंने उन दो अधिकारियों पर हमला किया और जब उन्हें रोका गया, तो उन्होंने खुद को गोली मारने की कोशिश की. हालाँकि, उन्हें अंततः काबू कर लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया.
मुकदमा चलाए जाने के बाद पांडे को मौत की सजा सुनाई गई. उन्हें 18 अप्रैल को फांसी दी जानी थी, लेकिन बड़े पैमाने पर विद्रोह के फैलने के डर से अंग्रेजों ने उनकी फांसी की तारीख 8 अप्रैल तय कर दी.
देखें मंगल पांडे के प्रेरणादायक कोट्स
यह आजादी की लड़ाई है .. ग़ुरे हुए कल से आजादी..आने वाले कल के लिए.
मंगल पांडे
जब आप अपने देश की रक्षा करते है तो धर्म की रक्षा स्वयं हो जाती है.
मंगल पांडे
हर इन्सान को अपने धर्म कि रक्षा करनी चाहिए .
मंगल पांडे
सत्य का मार्ग ही जीवन की सफलता का मार्ग है.
मंगल पांडे
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं.
मंगल पांडे
आज तक आपने हमारी वफादारी देखि थी … अब हमारा क्रोध देखिये.
मंगल पांडे
बन्दूक बड़ी बेवफा माशूका होती है … कब किधर मुँह मोड़ ले …कोई भरोसा नहीं.
मंगल पांडे
हंसते-हंसते फांसी चढ़कर अपनी जान गवा दी, और बदले में दे दी ये पावन आजादी .
मंगल पांडे
मन को खुद ही मगन कर लो, कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो.
मंगल पांडे
बिना दिल को शिक्षित किए दिमाग को शिक्षित करना, वास्तव में शिक्षा नहीं है.
मंगल पांडे