World Elder Abuse Awareness Day 2024: वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे हर साल 15 जून को मनाया जाता है. इस दिन की स्थापना पहली बार युनाइटेड नेशन जनरल असेंबली द्वारा 2011 में वृद्ध जनों द्वारा अनुभव किए जाने वाले दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी.यूएन के मुताबिक बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एक ग्लोबल सामाजिक मुद्दा है जो दुनिया भर में लाखों वृद्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य और मानवाधिकारों को प्रभावित करता है, और यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान जाना बहुत जरूरी है.
जानें इस दिन का इतिहास
वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 15 जून को मनाया जाता है. इसे पहली बार युनाइटेड स्टेट्स जनरल असेंबली द्वारा दिसंबर 2011 में इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज के अनुरोध पर स्थापित किया गया था, जिसने जून 2006 में इस दिन की स्थापना की थी.
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World Elder Abuse Awareness Day 2024: भारत में बुजुर्गों की स्तिथि
एनजीओ के एक सर्वे के अनुसार करीब 60 प्रतिशत बुजुर्ग भारत में दुर्व्यवहार के शिकार होते है. इस सर्वे में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर, कानपुर और मदुरै समेत कई शहरों को शामिल किया गया था. प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 73% युवाओं ने इस बात पर सहमत हुए की बुजुर्गों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, वे दुर्व्यवहार का शिकार होते है.
क्यों खास है 15 जून का ये दिन
ये दिन वृद्ध लोगों के प्रति पॉजिटिव दृष्टिकोण, अच्छे व्यवहार को बढ़ावा देने और बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे के बारे में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण दिन है.बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एक गंभीर समस्या है जो बगैर जेंडर,कास्ट या सामाजिक आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना किसी को भी प्रभावित कर सकती है. हम सब एक साथ एक ऐसा समाज बनाने में मदद कर सकते हैं जहां वृद्ध लोगों को महत्व दिया जाए और उनका सम्मान किया जाए और जहां उनके अधिकार उनको मिल सके.बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एक ग्लोबल इश्यू है, जिससे दुनिया भर में तकरीबन 1 से 10 प्रतिशत वृद्ध लोग प्रभावित होते हैं.
World Elder Abuse Awareness Day 2024: थीम “स्पॉटलाइट ऑन ओल्डर पर्सन्स इन इमरजेंसीज”
यह थीम बुजुर्गों के साथ संकट के दौरान वृद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा और सहायता करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है.ये थीम ये दर्शाता है कि आपातकालीन स्थिति में बुजुर्गों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता दी जाए.
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