16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ट्रांस लोगों को पढ़ाई और नौकरी में विशेष श्रेणी में वर्गीकृत करने का आदेश

madras high court ease hiring education criteria: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि ट्रांसजेंडरों को उनकी जाति से परे केवल एक विशेष श्रेणी के रूप में माना जाना चाहिए, तथा तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि शिक्षा और रोजगार के लिए उन्हें महिला या पुरुष श्रेणी में न लाया जाए.

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि ट्रांसजेंडरों को उनकी जाति से परे केवल एक विशेष श्रेणी के रूप में माना जाना चाहिए, तथा तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन्हें शिक्षा और रोजगार के लिए महिला या पुरुष श्रेणी में न लाए. न्यायमूर्ति वी भवानी सुब्बारायन ने 12 जून, 2024 को पारित आदेश में कहा कि ‘प्रत्येक रोजगार और शैक्षिक अवसरों’ में सरकार ट्रांसजेंडरों के लिए अलग मानदंड निर्धारित करेगी.

कट-ऑफ अंक के लिए अलग मानदंड होगी निर्धारित

सरकार सभी राज्य भर्ती एजेंसियों को ट्रांसजेंडरों को एक विशेष श्रेणी के रूप में निर्दिष्ट करने और उनके कट-ऑफ अंक के लिए अलग मानदंड निर्धारित करने का निर्देश देगी.

Postal Department Recruitment Scam: सीबीआई द्वारा ओडिशा में 67 स्थानों पर की गई छापेमारी 

National Anthem Recitation Mandatory: जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान अनिवार्य किया गया

History 14 June: आज है डोनाल्ड ट्रंप, साधिका हीराबाई बारोदकर, के आसिफ समेत कई महान विभूतियों का जन्मदिन 

आदेश में कहा कि ट्रांसजेंडरों को अलग श्रेणी में माना जाना चाहिए


2014 में एनएलएसए मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए जज ने कहा कि न तो राज्य और न ही केंद्र ट्रांसजेंडरों के लिए रोजगार के अवसरों का एक समान तरीका तैयार करने के लिए आगे आए हैं, जबकि शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया है कि ट्रांसजेंडरों को अलग श्रेणी में माना जाना चाहिए.


कई मामलों में, एनएएलएसए मामले में जारी दिशा-निर्देशों को गलत तरीके से समझा गया है. न्यायमूर्ति भवानी सुब्बारायन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया है कि वे ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े नागरिकों के रूप में मानने के लिए कदम उठाएं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सार्वजनिक नियुक्तियों के मामले में सभी प्रकार के आरक्षण का विस्तार करें.

अदालत ने यह आदेश ट्रांसजेंडर व्यक्ति आर अनुश्री की याचिका पर पारित किया, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (टीएनपीएससी) द्वारा आयोजित 2017-18 ग्रुप II भर्ती को चुनौती दी थी. उसने आरोप लगाया कि हालांकि उसने 90 अंकों की कट-ऑफ के मुकाबले 121.5 अंक हासिल किए, लेकिन उसे भर्ती के लिए नहीं माना गया क्योंकि आयोग ने उसे विशेष श्रेणी के तहत विचार करने से इनकार कर दिया था. उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए, अदालत ने टीएनपीएससी को निर्देश दिया कि वह उसे काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दे और अगर सूची में और ट्रांसजेंडर हैं तो उसे पहली वरीयता दी जाए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें