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National Science Day 2024: विज्ञान के साथ हासिल करें करियर की ये राहें

National Science Day 2024: हर साल लोगों में विज्ञान के प्रति रुची बढ़ाने और समाज में इसके लिए जागरूकता लाने के लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है. जानें विज्ञान से जुड़े ऐसे 5 क्षेत्र, जहां आप उज्जवल करियर की नींव रख सकते हैं…

National Science Day 2024: हर साल आज के दिन 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. यही वह दिन है जब देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ का आविष्कार किया था, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

National Science Day 2024: देश में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. भारतीय फिजिसिस्ट प्रोफेसर सीवी रमन ने वर्ष 1928 में इस दिन रमन प्रभाव की खोज की थी. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करना है. जानें विज्ञान से जुड़े ऐसे 5 क्षेत्र, जहां आप उज्जवल करियर की नींव रख सकते हैं…

स्पेस टेक्नोलॉजी
विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत कॉस्मोलॉजी, स्टार साइंस, एस्ट्रोफिजिक्स, प्लेनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है. फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथमेटिक्स के साथ बारहवीं पास करने के बाद आप स्पेस साइंस के बैचलर प्रोग्राम में दाखिला ले सकते हैं. इसके लिए आपको ऑल इंडिया लेवल पर आयोजित प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी. स्नातक के बाद आप मास्टर्स कर सकते हैं. आप अगर इस क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको पीएचडी करना होगा. स्पेस टेक्नोलॉजी की शिक्षा हासिल करने के बाद आप स्पेस साइंटिस्ट, एस्ट्रोनॉमर, एस्ट्रोफिजिसिस्ट, मटीरियोलॉजिस्ट, क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट, रडार टेक्नीशियन आदि के रूप में नासा, इसरो एवं डीआरडीओ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम के अवसर प्राप्त कर सकते हैं. वहीं स्पेसक्राफ्ट सॉफ्टवेयर डेवलपिंग फर्म, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, स्पेसक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग फर्म आदि में भी काम के अवसर प्राप्त कर सकते हैं.

मरीन इंजीनियरिंग
मरीन इंजीनियरिंग में जहाजों, नावों, पनडुब्बियों और अन्य जलयानों को डिजाइन किया जाता है. मरीन इंजीनियर समुद्री जहाज के सफलतापूर्वक संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं और समुद्र एवं उसके आसपास उपयोग की जाने वाली मशीनों का डिजाइन, रखरखाव, निर्माण करते हैं. साइंस बैंकग्राउंड के छात्र मरीन इंजीनियरिंग या ओशेन इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक कोर्स के साथ इस करियर में दाखिल हो सकते हैं. मेकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद इस विषय में मास्टर्स कर सकते हैं. इस विषय में डिग्री हासिल करने के बाद आप गवर्नमेंट एवं प्राइवेट शिपिंग कंपनियों, सीक्राफ्ट डिजाइनिंग एवं बिल्डिंग, इंजन प्रोडक्शन फर्म में आकर्षक जॉब हासिल कर सकते हैं.

एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में कृषि को बढ़ावा देनेवाले प्रयासों, जैसे फसल की अच्छी पैदावार के लिए उपयुक्त मिट्टी, खाद्य पदार्थ, बीज, बायोलॉजिकल सिस्टम आदि से संबंधित बारीकियां सिखायी जाती हैं. मौजूदा दौर में सरकारी से लेकर प्राइवेट सेक्टर तक में कृषि विशेषज्ञों की मांग रहती है. पीसीएम या पीसीबी विषयों के साथ बारहवीं पास करनेवाले छात्र एग्रीकल्चर के चार वर्षीय बीई/बीटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन यानी एमई/एमटेक किया जा सकता है. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए 10वीं और 12वीं के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा भी कर सकते हैं, जिसकी अवधि तीन वर्ष होती है. इस क्षेत्र में प्रवेश करनेवाले युवा एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव्स, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, फर्टिलाइजर और इरिगेशन कंपनी, फार्मिंग कंपनीज, ऑर्गनाइजेशन, एनजीओ आदि में रोजगार के अवसर तलाश सकते हैं.

फूड टेक्नोलॉजी
अच्छे खानपान का शौक रखने के साथ फूड प्रोडक्ट में उपयोग होनेवाले रसायनों, खाद्य पदार्थों के रखरखाव, उन्हें पैक करने के तरीकों एवं मार्केटिंग से संबंधित बातों में रुचि रखनेवाले युवाओं के लिए फूड साइंस एवं टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है. फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, मैथ्स या होम साइंस के साथ 12वीं करने के बाद आप फूड साइंस, केमिस्ट्री या माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर डिग्री कर सकते हैं. स्नातक के बाद फूड केमिस्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और अन्य क्षेत्रों में एडवांस डिग्री भी कर सकते हैं. आप डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन, फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी कर सकते हैं. एक फूड टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में आप फूड प्रोसेसिंग कंपनियों, फूड रिसर्च लेबोरेटरी, होटल, रेस्टोरेंट, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में करियर की संभावनाएं तलाश सकते हैं.

फॉरेंसिक साइंस
साइंस बैकग्राउंड का छात्र होने के साथ आप जुर्म करनेवाले को किसी भी हाल में सामने लाने का जुनून रखते हैं, तो फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं. साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करने के बाद आप फॉरेंसिक साइंस में स्नातक कर सकते हैं. स्नातक के बाद फॉरेंसिक साइंस एवं क्रिमिनोलॉजी में एक वर्षीय डिप्लोमा भी कर सकते हैं. आपके पास मास्टर्स करने का विकल्प भी है. आप अगर फॉरेंसिक स्पेशलिस्ट बनना चाहते हैं, तो आपको एमबीबीएस डिग्री प्राप्त करनी होगी और फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी में एमडी भी करना होगा. एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट के रूप में आप इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई, स्टेट पुलिस फोर्स के क्राइम सेल में काम कर सकते हैं. इसके अलावा प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी से भी जुड़ सकते हैं.

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