Teachers Day 2023: भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. वह एक प्रसिद्ध विद्वान, दार्शनिक और शिक्षाविद् थे. उनका मानना था कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं और वे युवाओं के विचार को बढ़ाते है और जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुत्तानी में हुआ था. उनकी शिक्षा मद्रास विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से हुई. उन्होंने भारत और विदेशों में कई विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया. वह एक विपुल लेखक और दर्शन, धर्म के साथ कई पुस्तकों के लेखक भी थे.
जीवन का हिंदू दृष्टिकोण (The Hindu View of Life)
यह पुस्तक पाठकों को हिंदू धर्म के बारे में सबसे आसान तरीके से परिभाषित और सूचित करती है. डॉ. राधाकृष्णन मानते हैं कि भारत में धर्म कई देवी-देवताओं के साथ भ्रमित करने वाले मिथकों का मिश्रण प्रतीत हो सकता है. पुस्तक में, उन्होंने हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के दार्शनिकों और विचारकों को उचित रूप से और समान सहजता से उद्धृत किया है.
पूर्वी धर्म और पश्चिमी विचार (Eastern Religions and Western Thought)
भारतीय दर्शन और धर्म का आधार बनने वाली प्रमुख अवधारणाएं इस अविश्वसनीय रूप से स्पष्ट पुस्तक में शामिल हैं. डॉ. राधाकृष्णन यूनानी विचार और ईसाई विकास पर भारतीय रहस्यवाद के संभावित प्रभाव की पड़ताल करते हैं.
जीवन का एक आदर्शवादी दृष्टिकोण (An Idealist View of Life)
यह पुस्तक बताती है कि आधुनिक बुद्धिजीवियों द्वारा धर्म को प्रतिस्थापित करने के प्रयास अंततः निरर्थक हैं. धार्मिक अनुभव की प्रकृति और वैधता की अपनी चर्चा में, डॉ. राधाकृष्णन पूर्व और पश्चिम दोनों के उदाहरणों और परंपराओं का उपयोग करते हैं.
भारतीय दर्शन में एक स्रोत पुस्तक (A Source Book in Indian Philosophy)
डॉ. राधाकृष्णन द्वारा संपादित इस पुस्तक में कई प्राचीन विचारकों की बहुमूल्य शिक्षाएं और दार्शनिक अंतर्दृष्टियां शामिल हैं. यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत की एक पुस्तिका है जो पाठकों को प्राचीन वेदों, उपनिषदों, महाकाव्यों, सदियों पुरानी प्रणालियों के ग्रंथों और समकालीन साहित्यिक कार्यों से अवगत कराती है.
धर्म, विज्ञान और संस्कृति (Religion, Science and Culture)
यह पुस्तक धर्म, विज्ञान और संस्कृति के बीच बदलते संबंधों पर गहराई से प्रकाश डालती है. डॉ. राधाकृष्णन आध्यात्मिक एकता विकसित करने के महत्व पर भी जोर देते हैं.
सत्य की खोज (The Pursuit of Truth)
बी.के. द्वारा लिखित अहलूवालिया के अनुसार, पुस्तक का पहला खंड डॉ. राधाकृष्णन की जीवनी है जबकि दूसरे भाग में डॉ. राधाकृष्णन ने एक शानदार निबंध संग्रह लिखा है. इन निबंधों में ज्ञानवर्धक उपाख्यान, ज्ञान, करुणा और जीवन दर्शन है.
रवीन्द्रनाथ टैगोर का दर्शन (The Philosophy of Rabindranath Tagore)
यह पुस्तक रवींद्रनाथ टैगोर की विचारधारा और संदेश को समझने का प्रयास करती है, जिसमें टैगोर की सार्वभौमिक व्यक्ति या वैश्विक नागरिक की धारणा पर जोर दिया गया है. राधाकृष्णन के अनुसार, टैगोर का सत्य भारतीय दर्शन और धर्म के मौलिक, एकीकृत सिद्धांतों को प्रतिध्वनित करता है.
हिंदुस्तान का दिल (The Heart of Hindusthan)
यह पुस्तक राधाकृष्णन के शक्तिशाली और प्रेरक भाषणों का संकलन है जो उनके जीवनकाल के दौरान विभिन्न पत्रिकाओं में जारी किए गए थे. पुस्तक में हिंदू धर्म के फोकस और उसके दार्शनिक सिद्धांतों पर चर्चा की गई है. उन्होंने हिंदू धर्म पर इस्लाम, ईसाई धर्म और बौद्ध धर्म के प्रभाव पर भी चर्चा की.
एक उद्देश्य के साथ जीना (Living with a Purpose)
इस पुस्तक में, डॉ. राधाकृष्णन ने उन चौदह व्यक्तियों के असाधारण जीवन का संकलन किया है जिन्होंने भारतीय राजनीति और संस्कृति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया. एक चीज जो इन सभी लोगों को एक साथ जोड़ती है, वह है बेहतर भारत का उनका साझा सपना और वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए ऊपर और परे जाने की उनकी इच्छा.
विश्वास नवीनीकृत (Faith Renewed)
यह पुस्तक पाठकों को ब्रह्मांड से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए अपने अंदर झांकने और गहरी समझ पैदा करने के लिए चीजों को समझने के लिए अपनी आत्मा की आवाज सुनने के लिए प्रोत्साहित करती है.
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